भद्राद्रि श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर के क्षतिग्रस्त स्तंभ - एक अपमान
मो सुल्तान
भद्राचलम, तेलंगाना
भद्राचलम स्थित श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण लाखों रुपये मूल्य के मोती के पेंडेंट क्षतिग्रस्त हो गए। पिछले वर्ष, सीता राम के विवाह के लिए बनाए गए मोती थालम्बर के कई पैकेट एक तरफ रख दिए गए थे, जिसके कारण थालम्बर के पैकेट के अंदर का चावल खराब हो गया और उसमें कीड़े पड़ गए। वहां मौजूद कर्मचारी क्षतिग्रस्त मोतियों और पैकेटों के अंदर के मोतियों को अलग कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कुल मिलाकर लगभग पांच क्विंटल तलम्बरा नष्ट हो गया है। जबकि जानकारी मिली है कि क्षतिग्रस्त पैकेटों की संख्या एक लाख तक है, मंदिर अधिकारी इसे 28 हजार बता रहे हैं।
लापरवाही के कारण: पिछले वर्ष मंदिर के कर्मचारियों ने प्रत्येक पैकेट में दो मोती डाल दिए थे। इनका मूल्य 25 रुपये निर्धारित किया गया। मंदिर कर्मचारी ये पैकेट उन भक्तों को कूरियर या डाक के माध्यम से भेजेंगे जिन्होंने नकद भुगतान किया है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण लाखों रुपये मूल्य के छाते क्षतिग्रस्त हो गए। हालाँकि, मंदिर प्राधिकारियों ने तलम्बरा के पैकेटों के अंदर के मोतियों का पुनः उपयोग करने का निर्णय लिया है।
मंदिर के अधिकारी श्री सीताराम के विवाह की तैयारियां शुरू करेंगे, जो 6 अप्रैल, शुक्रवार को पूर्णिमा के दिन होगा। शुक्रवार को होने वाली शादी के लिए मोती की बालियां जोड़ी जाएंगी। फिलहाल, क्षतिग्रस्त तलम्बरा पैकेटों में चावल को मोतियों से अलग करना कर्मचारियों के लिए बड़ा बोझ बन गया है।
श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो सकती हैं: कुछ वर्ष पूर्व जब करीब 50 क्विंटल मोती खराब हो गए थे, तब तत्कालीन अधिकारियों ने पुरुषोत्तमपट्टनम स्थित गौशाला में एक बड़ा गड्ढा खोदकर खराब मोतियों को जमीन में फिकवा दिया था। अभी तक लाखों रुपये के छाते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। हालांकि, मंदिर के अधिकारियों का कहना है कि वे खराब हो चुके तलम्बरा चावल को फेंकेंगे नहीं और इसे पुनः श्रद्धालुओं में मुफ्त में वितरित करेंगे। इस बात की आलोचना की जा रही है कि क्षतिग्रस्त तलम्बरों को वितरित करने से भक्तों की भावनाएं आहत होंगी।