भारत की एकता,अखंडता, संप्रभुता को खतरे में डालने वालों से रहें होशियार,नहीं रखें कोई भी रिश्ता -सुरैया शहाब
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
आज के भारत के इस नाजुक दौर में,जहांअफरातफरी,उठा पटक,हम्लेबाजी,एक दूसरे देश परआक्रमण,निर्मम हत्या करना,बमबारी एवं मिसाइल से हमला करना नित्यदिन की नीति बन गई है,ऐसे माहौल में
लोगों कीअपनी जिंदगी को गुजरबसर करना,बहुत ही
आसान नहीं है। नगर के
मानवअधिकार सह सामाजिक कार्यकर्ता,सुरैया सहाब ने एक महती जनसभा को संबोधित करते हुए कहा किआतंकवाद के साथ हर तरह की हिंसात्मक सोच व धार्मिक उन्माद,आतंकवाद राजनितिक,सामाजिक, आर्थिक,किसी भी धर्म के मानने वाले को इस तरह से बेकसूर को मारना,खुन बहाना,जुल्म करना ही मानवता के खिलाफ है,धर्म का नाम लेकर इस तरह के धार्मिक उन्माद,अशान्ति फैलाने वालों के विरोध से भरी पड़ी मज़हबे इस्लाम के विरुद्ध जाकर देश की एकता,सौहार्द, अखंडता,संप्रभुता को खतरे में डालकर काम करने वालों के साथ हमारा कोई रिश्ता नहीं है