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धार्मिक / Feb 09, 2025

आख़री नबी की पाक मां, बीवियां और बेटियां’ पुस्तक का हुआ लोकार्पण।

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

मजलिस असहाबे क़लम द्वारा हिंदी भाषा में प्रकाशित 'आख़री नबी की पाक मां, बीवियां और बेटियां’ पुस्तक का लोकार्पण मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन, नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी, नेहाल अहमद, मुफ्ती गुलाम नबी, कारी सरफुद्दीन मिस्बाही, हाफिज आफताब अहमद, हाफिज नजरे आलम कादरी, एडवोकेट मो. आज़म, नवेद आलम, सद्दाम हुसैन, आतिफ अहमद द्वारा किया गया। कारी मुहम्मद अनस क़ादरी, आलिमा शहाना खातून, मुफ्तिया कहकशां फ़िरदौस व मदरसा रज़ा-ए-मुस्तफा की छात्राओं शिफा खातून, गुल अफ्शा खातून, सना फातिमा, अदीबा फातिमा, सादिया द्वारा लिखित 128 पेज की पुस्तक में पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, आपकी मां, बीवियों और बेटियों की पाक ज़िंदगी, कुर्बानियों व उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है। पुस्तक लिखने वाली छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। इसी के साथ हर खास ओ आम में पुस्तक की 1100 प्रतियां निशुल्क बांटने का सिलसिला शुरू हो गया है।

मुख्य अतिथि मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि 'आख़री नबी की पाक मां, बीवियां और बेटियां’ पुस्तक आसान हिंदी भाषा में और प्रमाणिक पुस्तकों के जरिए लिखी गई है। जिसमें पैग़ंबरे इस्लाम और आपकी मां, बीवियों व बेटियों की ज़िंदगी, ख़िदमात व कुर्बानियों को बहुत शानदार अंदाज़ व संक्षेप में पेश किया गया है। इस पुस्तक से नई नस्ल को काफी फायदा होगा। पुस्तक को अगर स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए तो छात्रों को काफी लाभ होगा। मिलाद की महफ़िल में भी इस किताब के जरिए बयान किया जा सकता है।

अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा कि ‘आख़री नबी की पाक मां, बीवियां और बेटियां’ आसान हिंदी ज़बान में लिखी गई प्रमाणिक पुस्तक है। जिसे तैयार करने में कारी मुहम्मद अनस क़ादरी व मदरसा रज़ा-ए-मुस्तफा की छात्राओं ने बहुत मेहनत की है। छह माह के अथक प्रयास से यह पुस्तक लोगों के हाथों में है। निश्चित रूप से यह पुस्तक आने वाली पीढ़ी और अवाम के लिए लाभदायक साबित होगी।

कारी मोहम्मद अनस रज़वी ने कहा कि इस पुस्तक से नई नस्ल को इस्लाम धर्म के बारे में जानने में मदद मिलेगी। सभी को यह पुस्तक पढ़नी चाहिए। 

छात्राओं को हाफिज व कारी अयाज अहमद, अलाउद्दीन निजामी, ज्या वारसी, कनीज़ फातिमा, फिज़ा खातून, नूर फातिमा, हाफिज रहमत अली निजामी, मो. अदहम, आसिम अहमद, नज़ीर अहमद सिद्दीकी, अजरा जमाल, मौलाना महमूद रज़ा, सैयद नदीम अहमद, हाफिज अशरफ रज़ा, मौलाना दानिश रज़ा, सैयद फरहान अहमद, हाजी सेराज अहमद, इरफ़ान सिद्दीक़ी, तनवीर आजाद, एडवोकेट दिलशाद परवेज, सैयद कासिफ अली, सैयद हुसैन अहमद, शादाब अहमद सिद्दीकी, इंजमाम खान, समीर अली, हाजी सुहैल, अमीन अंसारी, शीराज सिद्दीकी, आसिफ मकसूद, हाफिज हदीस, अब्दुर्रहमान, अली अकबर, रेयाज अहमद राईनी, हाफिज रजी अहमद, अहद हुसैन, तौसीफ अहमद, मौलाना जहांगीर अहमद, मुफ्ती शोएब रज़ा, गुलाम जीलानी अशरफी, शमीम खान, ताबिश सिद्दीकी, शहनवाज अहमद, एमएस खान, मो. नदीम आदि ने मुबारकबाद पेश की।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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