मुस्लिम समुदाय में शबेबरात पर्व मनाने की चल रही है जबरदस्त तैयारी।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया,पश्चिमी चंपारण, बिहार।
मुस्लिम समुदाय के पर्व की शुरुआत,शबे बरात से शुरू होकर ईद मिलादुन्नबी तक रहता है। इस पर्व में मुस्लिम समुदाय के लोग अपने घरों, मस्जिदों, खानकाहों,मदरसों, मकतबों में इबादत के तौर पर रात भर जागे रहते हैं। सुबह नमाज अदा करने के बाद प्राय लोग रोजा रहते हैं,शाम को रोजा खोलते हैं।
यह पर्व विशेष कर इबादत करने के लिए रात बनी हुई है। इस रात में मुस्लिम समुदाय के महिलाएं,पुरुष,बालक,मर्द, औरतें,बच्चे सभी खुदा की इबादत में लगे रहते हैं। यह इबादत का पर्व माना गया है। इस पर्व के मौके पर मुस्लिम सामुदाय के लोग कब्रिस्तान की जियारत करते हैं,साथ ही अपने पूर्वजों के लिए दुआएं मांगते हैं,अपने पूर्वजों की मुक्ति दिलाने के लिए उनको याद करते हैं,उनके प्रति श्रद्धा और विश्वास के साथ इबादत करके उनको स्वाब पहुंचाते हैं। इस पर्व में मुस्लिम समुदाय के घरों में अच्छे-अच्छे खाना बनाने और खाने का प्रबंध रहता है,बहुत सारे लोग इस दिन हलवा बनाने का भी काम करते हैं,और पूर्वजों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए गरीब और यतीम,मिस्किन को खाना भी खिलते हैं,अपने परिवार के बाल बच्चों के साथ अच्छा खाना खाने,अच्छा कपड़ा पहनना,इबादत करने का परंपरा चलाआ रहा है। इसको आज भी मुस्लिम समुदाय के लोग बरकरार रखे हुए हैं।इस अवसर पर मस्जिदों मकतबों,मदरसों,खानकाहों, कब्रिस्तानों की सजावट की जाती है,इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग इबादत करने के लिए रात भर जागे रहते हैं।ईश्वर से अपनी गुनाहों से तौबा करते हैं,और पुनःगुनाह नहीं करने के लिए वादा करते हैं। यह रात इबादत की रात है, ईश्वर से साल भर के लिएअपनी बेहतरी की दुआ करते हैं।