या हुसैन या हुसैन की सदाओं से गूँजा शहर।
मोहर्रम की पांचवीं को निकला शहर में अलम का जुलूस,जगह जगह हुई मजलिसें।
जहाँ हक़ नहीं होता वहाँ मुक़द्दर में सिर्फ़ तबाही होती है - मौलाना रज़ा हैदर
अबू शहमा अंसारी
बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
पांचवी मोहर्रम में या हुसैन की सदाओं से गूंज उठा शहर,छोटे छोटे बच्चे हाथ मे अलम लब पर या हुसैन की सदा के बीच जुलूस फजलुर्रहमान पार्क से कर्बला वजहन शाह पहुँचा यहाँ से फिर वापस पीर बटावन पहुचकर समाप्त हुआ वही आज पूरे जिले में मजलिसों का सिलसिला जारी रहा।
देवा रोड स्थित गुलाम अस्करी हाल में इस मौक़े पर मौलाना जनाब रज़ा हुसैन साहब ने कहा जहाँ हक़ नहीं होता वहाँ मुक़द्दर में सिर्फ़ तबाही होती है। करबला में शहीद होने वाले बच्चों के मसायब पढ़े जिसे सुनकर मोमनीन रो पड़े इससे पूर्व शायरों ने नजरानये अक़ीदत पेश किया । अंजुमन ग़ुलाम ए अस्करी ने नौहाख्वानी व सीनाज़नी की।
वहीं कटरा स्थित इमाम बाड़ा मीर मासूम अली में अशरे की पांचवीं मजलिस क़ो ख़िताब करते हुए मौलाना जाबिर जौरासी ने कहा दीने मोहम्मदी व इंसानियत को बचाने में इमाम हुसैन अ. के साथ उनकी बहन ज़ैनब का भी अहम किरदार है ।
आग़ा फ़य्याज़ मियाँ जानी के अजा खाने में मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना अफ़ज़ाल हुसैन आब्दी साहब ने कहा दुनियां में काहिल और सुस्त इंसान कभी भी कामयाबी का मुंह नहीं देख सकता ।परवरदिगार के अलावा किसी और के आगे अपना सर न झुकाओ ,अपनी अज़मत को मिट्टी में न मिलाओ ।अल्लाह ने इंसान को अशरफ़ बनाया, जो इंसान अपने आप को पहचान लेता है वो किसी मखलूक के आगे सर नहीं झुकाता!डा.रज़ा मौरानवी, हाजी सरवर अली करबलाई व अहमद रज़ा ने नजरानये अकीदत पेश किए!
वहीं रसूल पुर में मोहसिन नक़वी साहब के अज़ाख़ाने में मजलिस को आल इंडिया शिया चाँद कमेटी के सेक्रेट्री मौलाना तस्नीम मेहदी साहब जैदपुरी ने ख़िताब करते हुए कहा सिर्फ ज़ात को न माने जिसको माना है उसकी बात को भी मानो।मुश्किलों से नजात चाहते हो तो अपनी मां की कब्र पर जाओ उसे वसीला बनाकर अपने रब से फ़रियाद करो। मां - बाप की एक रात की ख़िदमत एक साल के जेहाद के बराबर है। शहीदाने कर्बला के मानने वाले अज़ादार मोहर्रम की पांच तारीख को ग़म में डूब गए, या हुसैन की सदाओं से जिला गूंज गया ,चाँद रात से मजलिसों का सिलसिला जारी है, कर्बला सिविल लाइन्स और अज़ाखाना रिफ़ाक़त हुसैन रिज़वी साहब में मौलाना मुज्तबा साहब, इमामबाड़ा वक़्फ़ नवाब अमजद अली खान में मौलाना अब्बास मेहदी रिज़वी " सदफ़ " के बाद बेगमगंज इमामबाड़ा जनाब ए ज़ैनब (स०) ,अज़ाखाना मरहूम सैय्यद शरीफुल हसन ज़ैदी ,अज़ाखाना मरहूम सैय्यद नजमुल हसन ज़ैदी अज़ाखाना मरहूम अतहर हुसैन एडवोकेट में मौ.मो.रज़ा ज़ैदपुरी (सत्येप्रेमी नगर)अज़ाखाना हैदर हाउस (कंपनीबाग),अज़ाखाना मरहूम एजाज़ हुसैन अज़ाखाना मरहूम सैय्यद आले मोहम्मद आब्दी साहब ,अज़ाखाना मरहूम अख़्तर हुसैन कंपनीबाग,अज़ाखाना मरहूम नाज़िम साहब (लाइन पुरवा), अज़ाखाना सैय्यद तकीउल सहसन ज़ैदी (रफ़ी नगर) अस्करी नगर , अज़ाखाना नासिर साहब अज़ाखाना नवाब साहब में मजलिसों का आयोजन देर रात तक चलता रहा, वही तकिया, सट्टी बाजार ,पीर बटावन ,जैदपुर,असन्दरा किंतूर,मौथरी केसरवा, मित्तई देवा शरीफ,मझगवां,बेलहरा,फतेहपुर,हैदर गढ़,आलमपुर,देवरा, मोतिकपुर, कादिरपुर, मीरापुर, बिलाव ,चंदवारा, टेसवा , इब्राहिमाबाद जौरास में भी मजलिसों का सिलसिला जारी है।