इस्लाम में चुगली व झूठ बड़ा पाप - कारी अनस नक्शबंदी
चालीस हदीसों की विशेष कार्यशाला
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार में इस्लामी भाईयों के लिए चालीस हदीसों की विशेष कार्यशाला हुई। कार्यशाला के आठवें सप्ताह में झूठ व चुगली से बचने का तरीका बताया गया।
मुख्य वक्ता कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि इस्लाम में पीठ पीछे किसी की बुराई करना (चुगली) एक बड़ा पाप है और इसकी सजा दुनिया और आखिरत दोनों में है। चुगली करना व सुनना दोनों सख्त मना है और सुनने वाले पर भी उतना ही गुनाह होता है जितना कहने वाला। चुगलखोर की नेकियां उस व्यक्ति को मिल जाती है जिसकी उसने चुगली की होती है। अल्लाह चुगलखोर को तब तक माफ नहीं करेगा जब तक कि पीड़ित व्यक्ति स्वयं उसे माफ न कर दे। इस्लाम में चुगलखोरी एक गंभीर गुनाह है जिसका दंड अल्लाह द्वारा आखिरत में दिया जाएगा, जब तक कि व्यक्ति सच्चे दिल से तौबा न करे और जिस व्यक्ति के साथ अन्याय हुआ है उससे माफी न मांग ले। गुनाह करने वाले व्यक्ति को चाहिए कि वह सच्चे दिल से तौबा करे और अल्लाह से माफी मांगे। उस व्यक्ति से भी सीधे माफी मांगनी चाहिए जिसकी चुगली की है।
उन्होंने कहा कि इस्लाम में सत्य बोलने पर बहुत जोर दिया गया है, क्योंकि यह ईमान की निशानी है। इस्लाम में झूठ बोलना एक बड़ा पाप है। झूट की सजा का प्रावधान कुरआन और हदीस में स्पष्ट रूप से है। झूठ की सजा दुनिया और आखिरत दोनों में मिलती है। अल्लाह झूठ बोलने वाले से नाराज होता है।
अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन ओ अमान की दुआ मांगी गई। कार्यशाला में हाफिज रहमत अली निजामी, मुजफ्फर हसनैन रूमी, आसिफ महमूद, आसिफ, शहबाज सिद्दीकी, ताबिश सिद्दीकी, शीराज सिद्दीकी, महबूब आलम, मुहम्मद आजम, अली सब्जपोश, सैयद नदीम अहमद सहित तमाम लोग मौजूद रहे।