राजस्थान में शराब से बढ़ रहे मौतों व अपराधों के आंकड़े : डॉ. शोएब
सड़क हादसे बढ़े तो फिर उठी पूर्ण शराबबंदी की मांग
वसीम अकरम कुरैशी
जयपुर. राजस्थान
राजधानी जयपुर सहित प्रदेशभर में शराब पीकर वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा बढ़ने और शराब जनित अन्य अपराधों के कारण प्रदेश में शराब पर पूरी तरह रोक की मांग फिर से उठने लगी है।
इस संदर्भ में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव डॉ. मोहम्मद शोएब ने शराब को अपराध की जड़ बताते हुए राज्य सरकार से आग्रह किया है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करें। उन्होंने कहा कि यदि राजस्व किसी आने वाली पीढ़ी को बर्बाद कर कमाया जा रहा है तो ऐसा राजस्व छोड़ देना चाहिए। उन्होंने गुजरात और बिहार का उदाहरण देते कहा कि जैसे इन राज्यों में शराबबंदी लागू है, वैसे ही राजस्थान में शराबबंदी होनी चाहिए। नशा चाहे किसी भी रूप में हो, वह व्यक्ति को धीरे-धीरे पतन की ओर ले जाता है। ऐसे में राज्य सरकार शराबबंदी का निर्णय लें। इसके निर्माण और उपयोग पर रोक लगा देनी चाहिए। उन्होंने प्रदेश में प्रतिदिन बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा-सड़क हादसों के प्रमुख कारणों में से एक मद्यपान कर वाहन चलाना है, जिसके कारण अनेक निर्दोष लोगों की जान जा रही है। यदि सरकार जनहित और लोक कल्याण की भावना से प्रेरित होकर पूर्ण शराबबंदी लागू करती है, तो इससे सड़क हादसों में कमी आएगी। पीसीसी सचिव डॉ.मोहम्मद शोएब ने कहा-देश के कई राज्यों में पूर्ण शराबबंदी है। राजस्थान सरकार के मुखिया भजनलाल शर्मा से उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि बर्बाद होते परिवारों को संबल देते हुए राजस्थान में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाए।