जिला के लंबित योजनाओं व नये कार्य कराने में गया के सांसद और विधायक फिसड्डी: कॉंग्रेस
रिपोर्ट: विनोद विरोधी
गया, बिहार
लोकसभा के सांसद केन्द्रीय लघु उद्योग मंत्री जीतनराम मांझी एवं गया शहर के विधायक राज्य सरकार के मंत्री डॉ प्रेम कुमार दोनों अति प्राचीन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपना स्थान रखने वाला गया जिला के वर्षों से लंबित योजनाओं को शुरू कराने तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के अपने-अपने विभागों से भी गया जिला को योजनाएं दिलाने में पूरी तरह फिसड्डी साबित हो रहे हैं बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू समेत अन्य कॉंग्रेस समेत अन्य समर्थकों ने कहा कि गया शहर को देश के स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल कराने, गया जिला को रामायण सर्किट से जोड़ने, स्टील प्रोसेसिंग प्लांट ऐरू, वजीरगंज का निर्माण कार्य शुरू कराने, भूसुंडा स्टेडियम सह ऐथेलेटिक्स काम्प्लेक्स का निर्माण, ढाढर सिचाई परियोजना पूरा कराने, फल्गु नदी के दोनों किनारे सड़क का निर्माण, हरिहर सुब्रह्मण्यम स्टेडियम का जीर्णोद्धार, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम का जीर्णोद्धार, जवाहर टाउन हॉल का जीर्णोद्धार, खादी मॉल का निर्माण, हैंडलूम टेक्सटाइल पार्क , विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित कराने व निर्माण कार्य शुरू कराने सहित अन्य कार्य वर्षों से लंबित योजनाएं शुरू नहीं होने से गया जिलावासियों में आक्रोश है।नेताओ ने कहा कि जब केन्द्रीय लघु उद्योग मंत्री अपने विभाग से एक टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर गया के लिए नहीं दे सकते हैं, जबकि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के कहने पर नालंदा, सारण, रोहतास, पूर्णिया, दरभंगा में पांच टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर खोलने की घोषणा हुई, उसमे गया शामिल नहीं है, जिसे छुपाने हेतु तरह-तरह के बयान दे रहे हैं, कभी बंगाल,तो कभी गोवा से लाकर टेक्नोलॉजी सेंटर खोलने की झूठी बातें कर रहे हैं।
दूसरी ओर बिहार राज्य के वन्य एवं पर्यावरण मंत्री गया शहर के विधायक डॉ प्रेम कुमार ने बिहार में दो नए चिड़िया घर खोलने की घोषणा किये ,उसमें एक सुपौल तो दूसरा औरंगाबाद में, लेकिन उसमे भी गया जिला नदारत है।
नेताओ ने कहा कि पहली दफा एक ऐसा संयोज बना है कि आजादी के बाद से यानी 1952 चुनाव से अब तक पहली बार यहां के सांसद केंद्र सरकार में मंत्री बने हैतथा गया शहर के विधायक तो वर्षों से सूबे के कई महत्त्व पूर्ण विभागों के मंत्री रहते गया को हिस्सेदारी दिलाने में अक्षम है।