क्षेत्र के 64 ताजियादारों के नेतृत्व में 7वीं मोहर्रम पर शांति पूर्ण तरीके से निकाला गया जुलूस।
गाजे बाजे के साथ निकला जुलूस, कर्बला से पाक मिट्टी लाकर चौक पर रखा गया
रिपोर्ट - धनंजय शर्मा
बेल्थरारोड, बलिया।
बेल्थरा रोड बिचला पोखरा निकट ताजिया चौक कमेटी ने ढोल नगाड़े के साथ जुलूस निकला। शहीदे कर्बला की याद में मनाया जाने वाला मातमी पर्व,हजरत इमाम हुसैन व उनके शहादत की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम में मिट्टी लाने की रश्म होती है।जो रविवार की रात शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। उक्त रश्म की जुलूस मोहर्रम के सातवीं तारीख पर मुस्लिम समुदाय द्वारा बड़े ही धूमधाम से सौहार्दपूर्ण वातावरण में निकाला गया। जुलुस में अखाड़ेदारों द्वारा हैरतअँगेज खेल का प्रदर्शन किया गया।नगर व ग्रामीण क्षेत्रों से कुल 64 चौकों के ताजियादारों ने शांतिपूर्ण तरीके से कर्बला पहुंच कर वहां से पाक मिट्टी लाने की अदायगी की।
बिचला पोखरा ताजिया कमेटी ने अमूर्तानी मोहल्ला स्थित कर्बला से पाक मिट्टी लाकर चौक पर रखा। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी फरसाटार में मोहर्रम अखाड़ा जुलूस की शक्ल में गाजे बाजे के साथ मिट्टी लेने कर्बला के जानिब गया।
वहीं से वापस होकर ताजिया स्थान चौक पर मिट्टी को रखा गया। कुछ घंटों के बाद तजिये के समान के साथ चौकी का रश्म भी पूरा हुआ।सामाजिक कार्यकर्ता व ताजिया कमेटी के खालिद जहीर ने बताया कि मुहर्रम में ताजिया निर्माण के लिए कर्बला से पाक मिट्टी लाने का दस्तूर काफी पुराना है।
मुस्लिम मान्यताओं के हिसाब से मोहर्रम गम का महीना है। इस महीने में पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ शहीद हो गए थे। इसलिए इस महीने में गम मनाया जाता है। मोहर्रम का चांद जैसे ही नजर आता है। अजादार अपने इमाम के गम में गमजदा हो जाते हैं। उसकी शहादत की याद में मोहर्रम पर ताजिया निकाला जाता है। यह ताजिया पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन और हजरत इमाम हसन के मकबरों का प्रतिरूप होते हैं। जुलूस के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से चौकी प्रभारी देवेंद्र कुमार, अंकुर वर्मा सहित अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।