Tranding
Sun, 14 Dec 2025 01:59 AM
धार्मिक / Mar 30, 2024

लगान के खिलाफ जीती जंग मनाई रंग पंचमी।

होली पर्व पर 18 गांव में फाग ने मचाई धूम।

हफ़ीज अहमद खान

कानपुर नगर उत्तर प्रदेश।

होली के पर्व शहरों गांव में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन जाजमऊ स्थित वाजिदपुर में एक अलग ही दृश्य नजर आता है पूर्व विधायक एडवोकेट रामकुमार जो कि समाजवादी पार्टी से पूर्व सांसद प्रत्याशी रह चुके हैं उनके निवास पर होली पर्व की अवसर पर रंग पंचमी मनाई गई जहां पर दूर-दूर से गांव लोग एकत्रित होकर फाग,आला के द्वारा रंगारंग कार्यक्रम मैं उपस्थित होते हैं यह प्रथा जब से शुरू हुई अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जमींदार जगन्नाथ ने लगान के खिलाफ जंग

छेड़ी थी लड़ाई गंगा किनारे के 18 गांवों सहित शहर के कुछ इलाकों रंग पंचमी का महत्व कुछ अलग ही है।वाजिदपुर जाजमऊ निवासी पूर्व विधायक रामकुमार बताते हैं कि उनके परदादा जगन्नाथ यहां के जमींदार थे। वर्ष 1942 के करीब अंग्रेज कलक्टर लुईस ने किसानों पर भारी लगान लगा दिया था। जगन्नाथ ने 18 गांवों के किसानों के साथ बैठक की और लगान के खिलाफ जंग छेड़ दी। अंग्रेजों ने साजिश कर जगन्नाथ को गिरफ्तार कर लिया। इससे आक्रोशित होकर किसान व ग्रामीणों ने जोरदार आंदोलन किया। दबाव में आकर अंग्रेजों ने पंचमी के दिन उनको छोड़ दिया। इसके बाद गांव-गांव जुलूस निकालकर जमकर खुशी मनाई गई और रंग-गुलाल उड़ाया गया। उसी दिन से यहां पर पंचमी के दिन रंग खेलने की परंपरा चली आ रही।पंचमी को रिहाई होने पर मनाई थी ग्रामीणों ने होली 18 गांवों में परंपरा इन क्षेत्रों में चल रही परंपरा शहरी क्षेत्र के घाऊखेड़ा, देवीगंज, बीबीपुर, वाजिदपुर, गंगा किनारे के प्यादा गाव शखापुर, मोतीपुर, जानां गांव, किशनपुर, अलौलापुर समेत पंचमी को रंग खेलते हैं। रंग रंग कार्यक्रम में तीन फाग की टीमों में चांदपुर से देशराज प्रधान हिमाचल खेड़ा से बिंदु मरोदा से विनोद कुमार ने धूम मचाई

होली मिलन समारोह में पूर्व विधायक एडवोकेट रामकुमार, पूर्व पार्षद योगेश वर्मा,अविजित कुमार, एकलव्य कुमार डॉo अभिनव, अनुभव कुमार, कमलेश हिमाचल खेड़ा गुरु प्रसाद अनिल कुमार पप्पू सुनील अयोध्या प्रसाद रामबाबू ओमकार विक्रम अरविंद कुमार उर्फ बिंदु हिमाचल खेड़ा से सभी लोग उपस्थित हुएl

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
79

Leave a comment

logo

Follow Us:

Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by Bebaak Sahafi 2025. SiteMap