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Mon, 07 Jul 2025 01:56 PM

सदर अंचल कार्यालय बेतिया बना दलालों का अड्डा, घूसखोरी सरे आम, जनता त्राहिमाम, पत्रकार भी अछूता नहीं

शहाबुद्दीन अहमद

बेतिया, बिहार

इन दिनों बेतिया सदर अंचल कार्यालय दलालों के चंगुल में फंसा हुआ है,कार्यालय खुलते ही दलालों की भीड़ जमा हो जाती है,कार्यालय खुलने से पहलेअंचलअधिकारी का डेरा दलालों से भरा रहता है। दलालों के द्वारा कार्य कराने की फाइल के साथ सुविधा शुल्क की राशि दलालों के हाथों में रहती है,अंचल अधिकारी दलालों से राशि लेकर फाइल पर दस्तखत कर देते हैं।सदर अंचलअधिकारी कार्यालय में बैठने का नाम ही नहीं लेते हैं,आम जनता कार्यालय में बैठ बैठ कर समय गुजारता रहता है,मगर अंचलअधिकारी आने का नाम नहीं लेते हैं,उनसे मुलाकात करना लोहे के चना चबाना जैसा है,आखिर में तंग आकरआम जनता वापस घर लौट जाती है।अंचलाधिकारी के साथ-साथ उसकेअधीनस्थ सभी कर्मचारियों का भी यही हाल है,बिना सुविधा शुल्क लिएअंचल का कोई काम नहीं होता है।सदरअंचल मेंअपना काम कराने के लिएआम आदमी का चप्पल घिस जाता है।बहुत परेशानी है,इसी क्रम में,एक पत्रकार भी विगत 8 महीना से परेशान है,8 महीना गुजर जाने के बाद भी उसका काम नहीं हुआ,कई बार पत्रकार,अंचल कार्यालय में, अंचलअधिकारी से मिलना चाहा,फोन किया तो अंचलअधिकारी ने कहा कि हमआते हैं,मगर कौनआने जाए,हद तो यह है कि सदरअनुमंडल पदाधिकारी का आदेश भीअंचलअधिकारी को काम करना,अमल करना अपनी प्रतिष्ठा का हनन समझते हैं,इतना ही नहीं, अंचलअधिकारी केअलावा उनकेअधीनस्थ कर्मचारी भी अपने पदाधिकारी से कम नहीं है।इसका जो ज्वलंत उदाहरण पत्रकार का एक जांचआवेदन सदर अनुमंडल पदाधिकारी के पत्रांक 1074 दिनांक/ 15/7/2024 का निष्पादन 9 महीना गुजर जाने के बाद भी नहीं हो सका,इससे समझा जा सकता है कि जब एक पत्रकार का काम इतना समय गुजर जाने पर भी नहीं हुआ तोआम जनता का काम कैसे होता होगा।आखिरकार मजबूर होकर,पत्रकार ने सदरअनुमंडल पदाधिकारी कोआवेदन देकर पुनःजांच कराने हेतु एक दूसरा पत्र जिसका पत्रांक 87 दिनांक 21/1/2025 है, आंचलअधिकारी कार्यालय में जांच हेतु भिजवाया गया है, अब देखना यह होगा कि अंचलअधिकारी कार्यालय के द्वारा कब तक इसकी जांच पूरी हो जाएगी,यहआने वाला समय ही बतायेगा।विदित हो कि जिला समाहरणालय के सभागार में संबंधित विभाग के पूर्व मंत्री सह बिहार भाजपा के प्रदेशअध्यक्ष, दिलीप जायसवाल के प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकार के द्वारा सदर अंचल अधिकारी के कार्य शैली, कार्यकुशलता, कार्यालय में नहीं बैठने,खुलेआम दलालों के माध्यम से घूसखोरी करने पर प्रश्न उठाया गया था,तब मंत्री महोदय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमको भी इस संबंध में जानकारी मिली है, उन्होंने कहा कि बेतिया सदर अंचलअधिकारी का उनके पावर को सीज कर देंगे,बगल केअंचलअधिकारी को उनका पावर देकर कार्य करने की अनुमति देने,इनका तत्काल स्थानांतरण किसी दूसरे अंचल में करने का वादा किया था, साथ ही उनके कार्यकाल में किए गए कार्यों की जांच करने की बात कही थी,इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्थानीय सांसद, विधायक,विधान पार्षद,जिला पदाधिकारी सहित जिला के विभिन्न स्तर के पदाधिकारी उपस्थित थे,मगर पूर्व विभागीय मंत्री,दिलीप जायसवाल के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गएअपने वक्तव्य परअभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई,जिसका नतीजा यह हुआ कि ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

बेतिया सदर अंचल में दाखिल खारिज, परिमार्जन, जमीन से संबंधित कोई जांच का काम होना बालू से तेल निकालने के बराबर लग रहा है।पूर्व मंत्री दिलीप जायसवाल मंत्री पद से हट गये है,लेकिन आज भी भाजपा के प्रदेशअध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं,मगर इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई उनके स्तर से नहीं हुई है,और सदर अंचल अधिकारी अभी तक पद पर बने हुए हैं।प्रभारी जिला मंत्री,जनक राम का इस संबंध में कहना है कि मामला गंभीर है,जांच कर कार्रवाई की जाएगी,अब देखना यह है कि बेतिया अंचल अधिकारी पर,क्या,कब कैसी करवाई होती है,या ढाक के तीन पात वाली कहानी चरितार्थ होगी, यहआने वाला समय ही बताएगा।

जिला पदाधिकारी से जनहित में मांग किया जाता है कि सदरअंचल बेतिया के राजस्व कर्मचारी,अंचलअधिकारी का कार्यालय में बैठने का समय निर्धारित किया जाए ताकि आम जनताअपनी समस्याओं का समाधान करा सके।इन दोनों का कार्यालय में बैठने का कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है,जिससेआम जनता त्राहिमाम हो रहे हैं।

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