जयपुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय के हस्तक्षेप से दर्ज हुआ परिवाद।
- कानोता पुलिस से दलित परिवार को बंधी न्याय की आस
वसीम अकरम कुरैशी
जयपुर, राजस्थान।
न्याय के लिए भटकते दलित परिवार अपनी फरियाद लेकर शुक्रवार देर शाम जयपुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचा तथा यहां कमिश्नर की अनुपस्थिति में पुलिस के आला अधिकारियों से मिला तथा उन्हें अपनी पीड़ा बताई। जिस पर आला अधिकारियों ने कानोता पुलिस पुलिस को फोन कर परिवाद दर्ज करने की ताकीद की। तत्पश्चात एफआईआर दर्ज हुई बताई गई। जानकारी के अनुसार दलित परिवार के प्रतिनिधिमंडल ने संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार की। जिस पर उन्हें यथासंभव मदद का भरोसा दिलाया गया। पीड़ितों का कहना है कि लंबे समय से वे कथित भू-माफिया एवं दबंगों की यातनाओं से त्रस्त हैं तथा उनके खिलाफ पुलिस थाना कानोता में रिपोर्ट दर्ज कराने गए, किन्तु उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की बताई गई। बताया यह भी गया कि उल्टे पुलिस पीड़ितों को ही धमकाती रही तथा मारपीट पर उतारू हो जाती। तत्पश्चात पीड़ित परिवार ने न्यायालय के जरिए परिवाद दिया तथा पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय को स्थिति से अवगत कराया।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि कानोता (जयपुर) स्थित खसरा नं. 132/2 कृषि भूमि जो कि बैरवा समाज के काश्तकारों के नाम से दर्ज है। जो वर्तमान में भी जमाबंदी में काश्तकारों के नाम कानाराम, सोहनलाल, रामनाथ के नाम से अंकित है। उक्त पुस्तैनी काश्त की भूमि पर लुनियावास गृह निर्माण सहकारी समिति ने कूटरचित दस्तावेज से जाली पट्टे (आवंटन पत्र) जारी कर दिए।
पीड़ितों को न्याय की उम्मीद
पीड़ित मदनलाल पुत्र कानाराम के अनुसार दो वर्षों से महेश गुप्ता व देवेन्द्र नागपाल कुछ बदमाशों के साथ जमीन पर आए और जमीन खाली करने की धमकी देते हुए जातिसूचक शब्दों से भद्दी गालियां दी। तत्पश्चात पुलिस की मौजूदगी में मारपीट की और जमीन से खदेड़ दिया। इस बीच शुक्रवार देर शाम पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय से हस्तक्षेप के बाद परिवाद दर्ज किया गया। पीड़ित मदनलाल ने कहा कि उन्हें अब कानोता पुलिस से न्याय की आस जगी है। उन्होंने कहा कि देर सही किन्तु हमेशा सत्य ही विजयी होता है।