माह-ए-रमज़ान 12 या 13 मार्च से होगा शुरू, कैलेंडर जारी।
-11 मार्च को देखा जाएगा रमज़ान का चांद।
-पहला रोज़ा सबसे छोटा, अंतिम रोज़ा सबसे बड़ा।
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
चांद के दीदार के साथ 12 या 13 मार्च से माह-ए-रमजाऩ शुरू होगा। मदरसा रज़ा-ए-मुस्तफा, मकतब इस्लामियात, मदरसा जामिया कादरिया तजवीदुल क़ुरआन लिल बनात अलहदादपुर आदि ने रमज़ान कैलेंडर जारी कर दिया है। रमजाऩ कैलेंडर व रमज़ान कार्ड बांटा जाने लगा है। सोशल मीडिया पर भी शेयर किया जा रहा है। रमज़ान में सहरी व इफ्तार का समय बहुत अहम होता है। समय से सहरी करने व रोज़ा इफ्तार करने के लिए मदरसा, मकतब व आमजन द्वारा रमज़ान कार्ड व कैलेंडर छपवा कर बांटा जाता है। मुस्लिम घरों व मस्जिदों में रमज़ान की तैयारियां शुरु हो गई हैं। रमजाऩ की रातों में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज़ पढ़ाने वाले हाफ़िज़-ए-क़ुरआन मुकद्दस क़ुरआन दोहरा रहे हैं। रमज़ान में रोज़ेदार दिन में रोज़ा रखेंगे और रात में तरावीह की नमाज़ पढ़ेंगे।
इस बार माह-ए-रमज़ान का पहला रोज़ा करीब 13 घंटा 18 मिनट का होगा। जो माह-ए-रमज़ान का सबसे छोटा रोज़ा होगा। वहीं माह-ए-रमज़ान का अंतिम रोज़ा सबसे बड़ा होगा। जो करीब 14 घंटा 07 मिनट का होगा।
हाफिज रहमत अली निज़ामी ने बताया कि सोमवार 11 मार्च को माह-ए-शाबान की 29 तारीख़ है, इसी दिन माह-ए-रमज़ान का चांद देखा जाएगा। अगर चांद नज़र आ गया तो मंगलवार 12 मार्च से रमज़ान शुरु हो जाएगा। अगर चांद नज़र नहीं आया तो बुधवार 13 मार्च से रमज़ान शुरु होगा।
हाफ़िज़ अशरफ रज़ा व हाफ़िज़ सैफ अली बताया कि मुक़द्दस रमज़ान का पहला अशरा रहमत, दूसरा मग़फिरत, तीसरा जहन्नम से आज़ादी का है। रमज़ान रहमत, ख़ैर व बरकत का महीना है। इसमें रहमत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। शैतान जंजीर में जकड़ दिए जाते हैं। नफ़्ल का सवाब फ़र्ज़ के बराबर और फ़र्ज़ का सवाब सत्तर फ़र्ज़ों के बराबर दिया जाता है।