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Mon, 07 Jul 2025 09:36 AM

9 महीने के बाद जेल बाहर निकले युट्यूबर मनीष कश्यप।

एक झलक देखने के लिए समर्थकों की उमड़ी भीड़

उमड़ी भीड़ से एनएच 30 जाम, समर्थकों ने फूलों से लादा मनीष को

डॉ शशि कांत सुमन

पटना, बिहार।

यूट्यूबर मनीष कश्यप करीब 9 महीने के बाद जेल से बाहर आ गए है। तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ हुए घटना का कथित फर्जी वीडियो चलाए जाने के मामले से मनीष कश्यप विगत 9 महीने से जेल में बंद थे। जेल से निकलते ही उनके हजारों समर्थकों की भीड़ ने मनीष कश्यप को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। समर्थकों ने उनको माला पहनाया और कंधो पर घुमाया। मनीष कश्यप से मिलने के लिए आए सैकड़ों की संख्या में गाड़ियों का काफिला भी देखा गया। जेल के गेट से समर्थक कंधे पर बैठा कर मनीष कश्यप को खुले जीप में बैठाया। इसके बाद मनीष कश्यप खुले जीप से सभी समर्थकों का अभिवादन करते रहे। इसको लेकर प्रशासनिक व्यवस्था भी चुस्त दुरुस्त दिखी। 


एक किलोमीटर तक मनीष के समर्थकों का लगा रहा तांता


यूट्यूबर मनीष कश्यप को बड़ी राहत मिली है। फर्जी न्यूज चलाने के मामले में बेउर जेल में बंद मनीष कश्यप को पटना हाई कोर्ट से गुरुवार को जमानत मिली थी।शनिवार को मनीष कश्यप 12:00 बजे दिन के करीब बेउर जेल से बाहर आए। मनीष कश्यप की एक झलक पाने के लिए जेल के बाहर हजारों की संख्या में समर्थक पहुंचे थे। हाथों में फूलो की माला लेकर मनीष कश्यप का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही मनीष जेल से बाहर आए उनको देखने के लिए और उनसे मिलने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जेल गेट से बेउर मोड़ तक लगभग एक किलोमीटर तक समर्थकों का तांता लगा रहा। समर्थकों की उमड़ी भीड़ से एनएच 30 भी जाम हो गया।

मनीष कश्यप के समर्थक शुक्रवार से ही बेउर जेल के पास जमे हुए थे। बताया जाता है कि रात्रि में काफी भीड़ थी, जिसके कारण मनीष कश्यप को कल रात में जेल से बाहर नहीं निकाला गया। वहीं मनीष कश्यप के समर्थकों का कहना है कि जिस तरह भगवान राम वनवास काटकर बाहर आए थे और दिवाली मनाई गई थी। उसी तरह आज हम लोग काफी उत्साहित हैं और हमारे लिए बिहार के श्री राम जेल से बाहर आ रहे हैं उनके लिए हम लोग भी आज जश्न मनाएंगे। समर्थको ने कहा कि मनीष कश्यप को देशद्रोही कहा गया और हम लोग मानते हैं कि वह भगत सिंह वाले देशद्रोही हैं जो अंग्रेजों को छक्के छुड़ाए थे। मनीष कश्यप मजदूर और पीड़ितों की आवाज हैं। यहां जो भीड़ है वह पैसे पर लाई गई भीड़ नहीं है, बल्कि मनीष कश्यप का प्यार है कि सभी लोग यहां खिंचे चले आए हैं।

Karunakar Ram Tripathi
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