समाज सुधार के लिए आम लोगों को जागरुक करना उलमा की जिम्मेदारी।
लहान कान्फ्रेंस में उलमा ने मसलके आलाहज़रत पर चल कर सामाजिक बुराईयों के खातमे का किया आह्वान।
लहान,सिरहा(मधेश प्रदेश), नेपाल।
लहान,वार्ड नम्बर 5 जनपद सिरहा मधेश प्रदेश नेपाल के अलजामिअतुल बरकातिया शमसुल उलुम लहान बाजार में एक दिवसीय शमसुल औलिया कान्फ्रेंस हूई जिस को नबीरा-ए-आलाहज़रत हज़रत अललामा मन्नानी मियाॅ साहब दरगाह आलाहज़रत की सरपरस्ती हासिल थी,रात 9 बजे कान्फ्रेंस शुरु हुई, मौलाना फुल मोहम्मद नेमत रजवी साहब ने संचालन किया,मुफ्ती मोहम्मद उस्मान बरकाती,जनकपुर धाम मुख्य वक्ता रहे,भारत व नेपाल के चार दर्जन से अधिक आलिम और शायर सम्मिलित हुए, दस हजार से अधिक की भीड ने कान्फ्रेंस को सुना,हज़रत अल्लामा अब्दुल खालिक कादरी,सरबराहे आला अलजामिअतुल बरकातिया शमसुल उलूम ने अध्यक्षता की,इस के साथ ही मुस्लिम महिलाओ का भी एक धार्मिक सम्मेलन हुआ जिस में दो हजार से अधिक महिलाओ ने भाग लिया,मौलाना फुल मोहम्मद नेमत रजवी ने अपने संबोधन में कहा कि हम सब आलाहज़रत के बताए रास्ते पर चल कर ठोस सुन्नी बने है।हमारे मरकजे अहल-ए-सुन्नत दरगाह आलाहज़रत बरेली शरीफ उत्तर प्रदेश भारत ने हमें सुन्नी सुफी खानकाही विचार धारा दी है जो शान्तिवाद का पैगाम देती है और हमें भारतीय खानकाहो और भारत के दुसरे धार्मिक मज़ारात से जोडती है।आपसी सौहार्द हमारी निशानी और भारत की खानकाहों से मज़बूत आस्था के रिशते रखना हमारी पहचान है।दुसरे वकताओं ने कहा कि हम सब को अपने समाज से दहेज परथा खत्म कर के शादी विवाह को सस्ता और सरल बनाना है,जुए,शराब, कुकर्म, चोरी डकैती जैसी वबाओं से हमे अपने समाज को पाक करना है यही मरकजे अहल-ए-सुन्नत दरगाह आलाहज़रत का पैगाम है और यही सुन्नी सूफी खानकाही विचार धारा का मुल सिद्धांत भी है।