कामयाबी चाहिए तो शिक्षा से नाता जोड़ो - शिक्षक शीराज सिद्दीकी
पैगंबर-ए-इस्लाम बहुत महान हैं : अनस नक्शबंदी
जेएआई एकेडमी में दीनी बाल संगोष्ठी
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
जेएआई एकेडमी नौरंगाबाद में मासिक दीनी बाल संगोष्ठी हुई। कुरआन-ए-पाक की तिलावत कर नात-ए-पाक पेश की गई। मुख्य वक्ता वरिष्ठ शिक्षक शीराज सिद्दीकी ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की खूबियों में ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, दया, करुणा, विनम्रता और धैर्य शामिल है। उनके अन्य गुणों में सादगी, उदारता, न्याय और क्षमा जैसी बातें शामिल हैं। आप अल्लाह के प्रति दृढ़ विश्वास और उसकी आज्ञाओं का पालन करने में भी अत्यधिक प्रेरित थे।
उन्होंने कहा कि किसी भी काम को सफलतापूर्वक करने के लिए मेहनत, ईमानदारी, लगन और दृढ़ निश्चय का होना बहुत जरूरी होता है। गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ना ही समझदार व्यक्ति की पहचान होती है, लेकिन जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, वे हमेशा सफल होने से चूक जाते हैं। इसलिए कामयाबी चाहिए तो मेहनत व लगन के साथ साथ शिक्षा से भी नाता जोड़ना होगा।
विशिष्ट वक्ता कारी मुहम्मद अनस नक्शबंदी ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बहुत महान हैं। आपका जीवन हमेशा सच्चाई और ईमानदारी से भरा था। आप सभी के प्रति दयावान और करुणामय थे, जिसमें दूसरों के प्रति क्षमा की भावना शामिल थी। आप विनम्र और सादगीपूर्ण जीवन जीते थे। आप अदम्य साहस और वीरता से भरे थे, खासकर जब आप सत्य की रक्षा करते थे। मुश्किल समय में भी आप अल्लाह के प्रति दृढ़ विश्वास रखते और धैर्य से काम लेते थे। आप न्याय और समानता के मूल्यों का पालन करते, वादों को पूरा करने, भरोसेमंद होने के लिए जाने जाते हैं। आपमें निष्ठा और विश्वसनीयता जैसे नेतृत्व के असंख्य गुण थे। आप आतिथ्य करने और उदारता दिखाने में माहिर थे। आप लोगों को अच्छाई की ओर ले जाने और बुराई से रोकने का प्रयास करते थे।
वरिष्ठ शिक्षक आसिफ महमूद ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने स्वयं जीवन के हर पहलू में सभी कर्तव्यों का पालन किया और अपने साथियों और सभी मुसलमानों को इसका पालन करने का निर्देश दिया, क्योंकि सामाजिक अशांति को रोकने का एकमात्र रास्ता कर्तव्यों का पालन है। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में शांति व भाईचारगी की दुआ मांगी गई। संगोष्ठी में नेहाल अहमद, हाफिज रहमत अली, अली अहमद, आयशा खातून, शीरीन आसिफ, आरजू, गुल अफ्शा, अदीबा, फरहीन, मंतशा, सना, आफरीन, नाजिया, फरहत, यासमीन, आयशा, तानिया सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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