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Sun, 14 Dec 2025 01:54 AM

विजयदशमी उत्सव पर शस्त्र पूजन कर संघ का शताब्दी वर्ष कार्यक्रम हुआ प्रारंभ

धनंजय शर्मा

बेल्थरा रोड, बलिया, उत्तर प्रदेश

बेल्थरा रोड के केशव बस्ती स्थित हैप्पी होम में शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ वर्ष पूरे होने पर शताब्दी वर्ष कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ नगर संघचालक संजय व क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख मिथिलेश भाई के द्बारा भारत माता व प्रभु श्रीराम जी के चित्र पर पुष्प पूजन व शस्त्र पूजन से प्रारंभ हुआ।

मिथिलेश भाई ने शताब्दी वर्ष शस्त्र पूजन एकत्रीकरण के अवसर पर अपने बौद्धिक में संघ के स्थापना काल से लेकर सौ वर्ष पूर्ण होने तक संघ के कठिन से कठिन समय में भी सरलता व सहजता के साथ संघ कैसे आगे बढा उन्होंने अपने बौद्धिक में इसका वर्णन किया। आगे पंच परिवर्तन कार्यक्रम के दृष्टिगत पंच परिवर्तन के द्बारा देश, समाज, राष्ट्र के साथ स्व का भी क्या लाभ इस भी बिस्तर चर्चा किये। प्रभु श्रीराम, श्री कृष्ण व अभिमन्यु के जीवन को भी दृष्टिगत करते हुए उन्होंने कहा आज आवश्यकता है अपने धर्म अपने भारतीय संस्कृति से सदा जुड़कर रहने की। विशाल भारतीय परम्परा के क्रम में उन्होंने बतलाया कि हमें भारतीय खाना,भारतीय भोजन,भारतीय गाना, भारतीय नृत्य सब कुछ भारतीय भेष व यहाँ तक की भारतीय वेडरूम को अपने जीवन में लाना होगा। इन सब बिन्दुओं से होने वाले लाभ व महत्व का भी विस्तृत व्याख्यान किये। भारतीय बेडरूम का वर्णन करते हुए उन्होंने बतलाया कि कैसे अभिमन्यु अपने मामा श्रीकृष्ण से चक्रव्यूह के सातवें द्बार को तोड़ने के बारे में पूछने पर श्री कृष्ण ने आश्चर्य से पूछा कि अन्य छह द्बार तोड़ना नहीं जानोगे तो अभिमन्यु ने बतलाया कि छह द्बार तोड़ने की कला तो मुझे ज्ञात है परन्तु सातवा नहीं। श्री कृष्ण के द्वारा पूछे जाने पर कि वो कब, कैसे ज्ञात हुआ व सातवा नहीं। इस पर अभिमन्यु ने अपने माता के गर्भ में होने पर पिता जी द्बारा माता जी को चक्रव्यूह तोड़ने की कला बताने की बात बताइ मगर जब सातवें द्बार को तोड़ने का वर्णन करने ही वाले थे तभी माता जी की निंद आ गई और मै भी सै गया। इस वास्ते भारतीय पद्धति, परंम्परा बहुत विशाल है आवश्यकता है कि विशाल मन से एकाग्रचित्त हो भारतीय परम्परा व पद्धति से जुड़े रहने की।कोई भी कार्य बस ऐसे ही नहीं हो जाता अर्जुन ने भी वरमाला पहनने के लिए दृढ इच्छाशक्ति व एकाग्रचित्त मन से ही नाचती मछली के आखो को भेदा था।अंत में उन्होंने कहा जिस क्षेत्र में आपका मन लगता है उस क्षेत्र में आप अग्रणी रहे। आप अपने नगर में लगने वाली शाखा में नियमित अपने छोटे छोटे भैया बहनों के साथ अवश्य जाये‌। क्योंकि शाखा से व्यक्ति का निर्माण होता है।शारीरिक, बौद्धिक व मानसिक क्षमता का विस्तार होता है।कार्यक्रम में अमृतवचन शुभ जी, एकलगीत विश्ववेश जी, प्रार्थना अश्विन जी व अतिथि परिचय नगर कार्यवाह पवन वर्मा ने कराया। कार्यक्रम में जिला प्रचार प्रमुख डा० आलोक गिरि, जिला प्रचारक अनुपम, अजय पटेल, सर्व जीत सोनी, डा० राघवेंद्र मिश्रा, श्रीप्रकाश मद्बेशिया,अशोक गुप्ता, मनीष वर्मा, मुरलीधर वर्मा, प्रदीप सोनी,सेंटु गुप्ता,जितेन्द्र जी, विजय जी, निरशंकर मोदनवाल,सुरेश मौर्या, जय प्रकाश गिरि,पूर्व विधायक धनंजय कन्नोजिया, सिद्धार्थ, सामर्थ, प्रवीण, सुजीत, आयुष,रोशन आदि सहित काफी संख्या में स्वयंसेवक बन्धु व भैया बहने उपस्थित रहे।

Karunakar Ram Tripathi
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