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शिक्षा / May 28, 2025

व्यक्तित्व को उभारने के लिए एम. ए. एकेडमी तुर्कमानपुर में समर कैंप का आगाज।

समय एक अनमोल दौलत - मौलाना नूरुद्दीन निजामी

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

विद्यालय बंद होने के बाद बच्चों में सकारात्मक व्यक्तित्व को उभारने के लिए एम. ए. एकेडमी तुर्कमानपुर में छह दिवसीय समर कैंप का आगाज मंगलवार को हुआ। टाइम मैनेजमेंट व गोल सेटिंग की बारीकियां बताईं गईं। कुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफिज रहमत अली निजामी ने की।  

लखनऊ से आए मुख्य अतिथि मोटिवेशनल स्पीकर मौलाना नूरुद्दीन निजामी ने कहा कि समय एक अनमोल दौलत है जो एक बार बीत गई तो वापस नहीं आती। समय का सदुपयोग करना, हमारे जीवन में सफलता और तनावमुक्त जीवन में मदद करता है। समय का सही उपयोग करने से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। समय का प्रबंधन करने से तनाव कम होता है और हम खुशहाल जीवन जी सकते हैं। समय का सदुपयोग करने से हमारी कार्यक्षमता बढ़ती है और हम संगठित और अनुशासित बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करें ताकि आप समय का उपयोग सही दिशा में कर सकें। अपने दिन के लिए एक समय सारणी बनाएं और उसका पालन करें। ऐसे कार्यों को कम करें जो समय को बर्बाद करते हैं। महत्वपूर्ण कामों को पहले करें और फिर अन्य कामों पर ध्यान दें। समय को बर्बाद करने से बचें और हर पल का सदुपयोग करें।

विद्यालय के मैनेजर मुहम्मद आकिब अंसारी व पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. एहसान अहमद ने कहा कि जब आप समय का सदुपयोग करते हैं तो अपने आपको प्रोत्साहित करें। छात्रों को अपनी पढ़ाई के लिए समय निर्धारित करना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए। कामकाजी लोगों को अपने कार्य के लिए समय निर्धारित करना चाहिए और समय पर काम करना चाहिए। व्यायाम और स्वस्थ भोजन के लिए समय निर्धारित करना चाहिए। अपनी रुचियों और शौक के लिए भी समय निकालना चाहिए। समय का दुरुपयोग करने से हम अपनी सफलता को खो सकते हैं जो हमारे तनाव और चिंता को बढ़ा सकता है।

वरिष्ठ शिक्षक आसिफ महमूद ने कहा कि जीवन के साथ हमेशा सकारात्मक सोच रखें। सभी में अपार क्षमता होती है, उसे पहचानकर अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करें।

ट्रेनर कारी मुहम्मद अनस रजवी ने दीन-ए-इस्लाम की बुनियादी बातें बताईं। दीन-ए-इस्लाम हमें सिखाता है कि अल्लाह एक है, सिर्फ वही इबादत के लायक है। पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के आखिरी नबी व रसूल हैं। कुरआन-ए-पाक अल्लाह की किताब है। प्रतिदिन पांच बार नमाज़ पढ़ना आवश्यक है। दीन-ए-इस्लाम हमें यह भी सिखाता है कि झूठ न बोलो, चोरी न करो, और दूसरों के साथ अच्छे से व्यवहार करो। दीन-ए-इस्लाम में प्रेम, दया, और दूसरों की मदद करने की शिक्षा दी गई है।

इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्या सीमा परवीन, उप प्रधानाचार्या निदा फातिमा, सैयद शम्स, सलमा खान, शमा खान, सोबिया खान सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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