कम उम्र में शादी से पड़ता है स्वास्थ्य पर बुरा असर
श्यामदेउरवा, महराजगंज, उत्तर प्रदेश
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परतावल के काउंसलर अनिरुद्ध गुप्ता के द्वारा मंथली आउटरीच एक्टिविटी के अंतर्गत कम उम्र में शादी विषय पर, स्थानीय श्रीमती गिरिजा देवी इंटर कॉलेज श्यामदेउऱवॉ में किशोर किशोरियों की काउंसलिंग की गई इस कार्यक्रम में काउंसलर अनिरुद्ध गुप्ता ने बताया कि कम उम्र में शादी होने से शारीरिक दुष्परिणाम होते है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 साल या 20 साल से कम उम्र में शादी करने पर मातृ मृत्यु दर दोगुना एवं शिशु मृत्यु दर 100 में 7 होती है वहीं यदि कोई किशोरी 15 वर्ष की आयु में गर्भ धारण करती है तो इसमें मातृ मृत्यु दर पांच गुना से भी ज्यादा होती है।
कम उम्र में शादी होने में समाज की बहुत बड़ी भूमिका होती है जिसमें कुछ सामाजिक कुरीतियों एवं गरीबी इत्यादि शामिल है अपने संबोधन में काउंसलर ने बताया कि यदि किसी कारण बस शादी 18 या 21 वर्ष से कम उम्र में हो जाती है तब किशोर किशोरियों को परिवार नियोजन के साधन उपयोग करते हुए कम से कम 20 साल से ऊपर की उम्र में ही बच्चे पैदा करने चाहिए जिससे जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित रहेंगे एवं मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर दोनों में कमी आएगी इस अवसर पर किशोर किशोरियों में सैनिटरी नैपकिंस एवं आयरन की गोली का भी वितरण किया गया।