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Mon, 07 Jul 2025 08:45 AM
धार्मिक / Mar 24, 2025

रोजेदारों ने अल्लाह की इबादत कर मांगी दुआ।

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

रोजा थोड़ा लंबा होता जा रहा है। माह-ए-रमजान का तीसरा अशरा जहन्नम से आजादी का चल रहा है। हर तरफ नूरानी समां है। मस्जिदों व घरों में इबादत जारी है। रोजेदारों की इबादतों में कोई कमी नहीं है। एतिकाफ करने वाले इबादत में मश्गूल हैं। रोजेदार इबादत कर पूरी दुनिया में शांति व भाईचारे की दुआ मांग रहे हैं।

हजरत अली को शिद्दत से किया याद।


चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में 21 रमजान को अमीरुल मोमिनीन हजरत सैयदना अली रदियल्लाहु अन्हु के शहादत दिवस पर सामूहिक रूप से कुरआन ख्वानी व दुआ ख्वानी कर अकीदत का नजराना पेश किया गया। वहीं मदीना जामा मस्जिद रेती चौक व मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में महफिल हुई।

मौलाना महमूद रजा कादरी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दामाद व मुसलमानों के चौथे खलीफा हजरत अली की शहादत 21 रमजान को हुई। आप दामादे रसूल हैं। दो जन्नती जवानों के सरदार हजरत इमाम हसन व हजरत इमाम हुसैन के वालिद हैं। खातूने जन्नत हजरत फातिमा जहरा के शौहर हैं। हजरत अली का जिक्र करना भी इबादत में शुमार है।

मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है कि जिसका मैं मौला, अली भी उसके मौला। जिसका मैं आका, अली भी उसके आका। जिसका मैं रहबर, अली भी उसके रहबर। जिसका मैं मददगार, अली भी उसके मददगार। हजरत अली का बहुत बड़ा मर्तबा है। हमें भी हजरत अली के नक्शे-कदम पर चलने की पूरी कोशिश करनी चाहिए तभी दुनिया व आखिरत में फायदा होगा।

कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि हजरत अली इल्म का समंदर हैं। बहादुरी में बेमिसाल हैं। आपकी इबादत, रियाजत, परहेजगारी और पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व सहाबा किराम से मुहब्बत की मिसाल पेश करना मुश्किल है।

हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि हजरत अली फरमाते हैं कि अल्लाह की कसम मैं कुरआन की आयतों के बारे में सबसे ज्यादा जानने वाला हूं। पैगंबरे इस्लाम ने फरमाया कि मैं इल्म का शहर हूं और अली उसके दरवाजा हैं। अब जो इल्म से फायदा उठाना चाहता है वह बाबे इल्म से दाखिल हो। अंत में सलातो-सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो-अमान की दुआ मांगी गई। 

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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