मस्जिद शेख जुड़ावन बख्श में अदा की गयी तरावीह की नमाज।
खुदा नेक बंदों के लिए कुरआन को नाजिल किया- अशफाक हुसैन मेकरानी
सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मस्जिद शेख जुड़ावन बख्श खूनीपुर में बीती रात खत्म तरावीह की नमाज अदा की गयी। बता दें कि पहले रमजान की तारीख से हाफिज महबूब हुसैन द्वारा तरावीह की नमाज जमाअत के साथ पढ़ी जा रही थी। जहां तरावीह कुरआन मुकम्मल हुआ। इस मौके पर अपने शहर में अमन और इत्तेहाद की दुआएं मांगी गईं।
इस मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी अशफाक हुसैन मेकरानी ने रमजान के पाक व बाबरकत महीने का जिक्र करते हुए कहा कि रमजान के पाक महीने में खुदा के नेक बन्दों के लिए पाक क़ुरआन शरीफ़ को नाज़िल किया। जो कि रस्म अल्फाज कयामत तक के लिए महफूज है।
मस्जिद शेख जुड़ावन बख्श में करीब 25 साल से हाफिज महबूब हुसैन द्धारा तरावीह की नमाज पढ़ाई जा रही है।
तरावीह मुकम्मल कराने के काम अशफ़ाक हुसैन मेकरानी के स्व. पिता अनवार हुसैन के दौर में प्रारंभ हुआ था, जो मुसलसल जारी है। इस साल उनकी गैरमौजूदगी में उनके बड़े बेटे इजहार हुसैन के साथ अहमद शाह अब्दाली चुन्ना, सेराज हुसैन, मोहम्मद आरिफ ने तरावीह की नमाज़ को मुकम्मल करायी।इस मौके पर हाफिज महबूब हुसैन द्वारा तरावीह की नमाज मुकम्मल होने पर बधाई दी गयी।
इस मौके पर इजहार हुसैन ने हाफिज महबूब हुसैन को मस्जिद शेख जुड़ावन बख्श की तरह से गुलपोशी, तोहफा और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
वहीं मस्जिद इमाम हाफिज इबारत, हाफिज फैजुल्लाह, हाफिज कारी नसीमुल्लाह ने कुरआन की तिलावत कर सलातों- सलाम पेश कर देश और दुनियां में अमन व एकता के लिए दुआएं मांगी। वहीं मेराज हुसैन, सेराज हुसैन ने फूलों की माला पहनाते हुए गुलपोशी कर तोहफा दिया।
तरावीह मुकम्मल होने पर तबर्रुख बांटते हुए तरावीह मुकम्मल पर रमजान की मुबारकबाद पेश की गयी।
तरावीह मुकम्मल होने पर अशफ़ाक हुसैन मेकरानी ने सभी नमाजियों का शुक्रिया अदा किया।
इस मौके पर इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी के सदर अब्दुल्लाह, इमामबाड़ा मुतवल्लियान कमेटी के सदर सैयद इरशाद अहमद, हाजी सोहराब खान, वरिष्ट समाजसेवी आदिल अमीन, वरिष्ट पत्रकार मुर्तजा हुसैन रहमानी, ऑल इण्डिया उर्स कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुहम्मद रजा लड्डन खान, महासचिव असरार आलम, अनीस अहमद एडवोकेट, मोहम्मद आकिब अंसारी , मोहम्मद मुक्ताद्दीर, रियाज हुसैन, नियाज हुसैन, शादान हुसैन, अरसलान एवं मुहम्मद अर्श आदि लोगों की सहभागिता रही।