धूमधाम से मनाया गया बाबा नामदेव का प्रकाश पर्व।
हफ़ीज अहमद खान
कानपुर, गुरूद्वारा बाबा नामदेव जी ने भगत शिरोमणि नामदेव जी का पावन जन्मदिन विशेष संगत जोड़ मेला गुरुमत समागम के रूप में सुबह-शाम मनाया गया। जिसमें दिल्ली से आये गुरूद्वारा शीशगंज के रागी भाई जगदीश्य सिंह जी ने भगत नामदेव जी की वाणी जगदीय
'ज्यौ ज्यौ नामा हर गुण उच्चरै भगत जना का देहुरा फिरै। एक भगत मेरे हिरदै बसै नामै दैख नारायण हसै"नाचतर
शबद गायन किये। कथावाचक भाई बचिहत्तर सिंह गुरुद्वारा नानक प्याऊ दिल्ली वालो ने उनकी जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया भगत नामदेव जी गुरुनानक नामदेव जी से 200 वर्ष पहले महाराष्ट्र में हुये थे। प्रेमाभाव में कलियुग के समय इनको 72 बार ईश्वर के साक्षात दर्शन हुए। इनके 61 शबद गुरु ग्रन्थ साहिब में अंकित हैं जिसको गुरूनानक नामलेवा संगत नतमस्तक हो हृदय से गायन करती है। मिरी पीरी बालसखा के बच्चे बच्चियों द्वारा गुरूनानक देव के पावन प्रकाश को समर्पित गुरूद्वारा करतारपुर, ननकाणा सहिब के माडल चित्र व विशेष तौर से उन्नाव से आये हुए बच्चो ने गुरू घर के सिद्धान्तों की ड्राइंग चित्र गुरुद्वारा साहिब में प्रस्तुत किये।
कमेटी द्वारा आये हुए सिक्ख संगतों का स्वागत सत्कार करते हुए सम्मान किया। इस विशेष अवसर पर एक कम्प्यूटर सेन्टर का उद्घाटन पंच प्यारों द्वारा किया गया। जो आगे चलकर जनहित में सरकारी, गैरसरकारी योजनाओं के बारे में सुविधायें उपलब्ध करायेगा।विशेष रूप से स० चरनजीत सिंह, रुपेन्दर सिंह, गुरदीप सहगल, अशोक अरोड़ा, हरदीप सिंह, अनमीत कौर, आतमजीत सिंह, सतबीर सिंह विशेष रूप से थे।