फख्र से कहो हम हिन्दुस्तानी मानवतावादी सुन्नी सूफी खानकाही बरेलवी मुसलमान हैं - मुफ्ती सलीम
बरेली, उत्तर प्रदेश।
भारतीय सुन्नी,सुफी खानकाही बरेलवी मुस्लिम स्टूडंट्स ऑर्गनाइजेशन की ओर से सुन्नी सूफी विचार धारा के प्रचार प्रसार और उत्थान पर मंथन के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिस में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रुप में मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी साहब ने बोलते हुए कहा कि आज के युग और अशान्त माहौल में हमें सुकुन खानकाहों और सुन्नी विचार धारा में मिल सकता है,हम गुमराह कुन विचार धारा से दूर रह कर सुन्नी विचार धारा से जुडें और खुब दिल लगाकर मानवता की सेवा करें जो हमारी खानकाही विरासत है।जब दीन व मजहब और मुल्क की बात आए तो फख्र से अपने को सुन्नी सुफी,खानकाही,बरेलवी भारतिय मुसलमान कहो,और
राष्ट्रीय एकीकरण, हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारे को बढ़ाए जाने तथा कट्टरपंथी शक्तियों पर अंकुश लगाने हेतु सूफी खानकाही विचार धारा को फरोग दें।
हजरत अल्लामा मोहम्मद अख्तर कादरी साहब ने कहा
हम हिंदुस्तानियों के लिए आपसी भाईचारा और रवादारी, सबसे ज़रूरी है, उन्होंने कहा कि हमारे देश में हर मजहब, धर्म और जातियों के फूल खिलते हैं. हम हिंदुस्तानी प्रेम के धागे में बंधी हुई एक खूबसूरत माला है, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सद्भाव और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने वाले कार्य किसी हादसे की वजह से किए जा रहे हैं, बल्कि सदियों से आपसी भाईचारे और प्रेम को बढ़ाने की, हमारे देश की संस्कृति को मानवतावाद से लैस करने हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, बाबा फरीद हजरत महबूब ए इलाही, और हजरत अमीर खुसरो ,मारहरा शरीफ के बुजुर्गों ,आलाहज़रत और उनके शहजादों तथा मुरीदीन व खुलफा जैसे सुफी संतों ने बहुत अहम योगदान दिया।इन्होनें मोहब्बत के जो संदेश दिए वह हमारी सांझी विरासत है, इनकी कामयाबी का राज़ सबको साथ लेकर चलना है।