दोषी शिक्षण संस्थाओं व संचालकों पर सरकार कार्रवाई करें - केसी घुमरिया
- डीजीपी से किया आग्रह, गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज हो।
जयपुर, राजस्थान।
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व आईआरएस अधिकारी केसी घुमरिया ने शिक्षण संस्थाओं के संचालकों को आह्वान किया है कि वे अभिभावकों का शेषण करना बंद करें, मुनासिब फीस लेकर बच्चों का कॅरियर और उनका भविष्य सुनिश्चत करें। इसी के साथ स्टूडेंट्स की सुरक्षा-व्यवस्था भी सुनिश्चत करें। घुमरिया यहां शिक्षण संस्थाओं को लेकर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अभिभावकों की बड़ी जेब काटने वाले शिक्षा माफिया जिन्हें रियायती दरों पर सरकारें जमीन मुहैया करवाती हैं वो अपने ऊंचे रसूखात के दम पर बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी कर लेते है, लेकिन उनमें बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं होती। ऐसी अनदेखी के कारण ही हाल ही जयपुर के मानसरोसर स्थित नीरजा मोदी स्कूल में कक्षा 4 की एक छात्रा की स्कूल बिल्डिंग से गिरने के कारण दर्दनाक मृत्यु हो गई। इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है, मगर स्कूल प्रबंधन ने जांच से पहले सबूत ही मिटा दिए, इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। स्कूल की छत से गिरने के कारण इस हादसे ने उस बालिका के परिवार को ही नहीं तोड़ा बल्कि एक संवेदनशील सवाल को भी सामने लाकर खड़ा किया कि ऊंचे रसूख वाले शिक्षा माफियाओं के शिक्षण संस्थान जो लाखों रुपए फीस वसूलते है, उनके संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था कितनी पुख्ता है?
घुमरिया ने डीजीपी से अपील की है कि इस मामले में जयपुर पुलिस कमिश्नर को निर्देशित करके स्कूल प्रबंधन से जुड़े प्रमुख लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होना करें।
एसआईटी बनाकर की जाए मामले की जांच।
मुख्य वक्ता घुमरिया ने कहा-स्कूल प्रबंधन ने साक्ष्य साफ करवा दिए और कानूनी रूप से साक्ष्यों का विघटन किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है ऐसे में साक्ष्य मिटाने से जुड़ा एक मुकदमा पृथक से दर्ज होना चाहिए और इस पूरे मामले की जांच पुलिस मुख्यालय की मॉनिटरिंग में एसआईटी बनाकर करनी चाहिए। एफआईआर दर्ज होकर जिम्मेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होने से ही ऐसी लापरवाही की पुनरावृति नहीं होगी और स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा।
छात्रा के परिजनों से मिला प्रतिनिधिमंडल।
संगोष्ठी में अन्य कई वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त कर शिक्षण संस्थाओं पर सरकार व प्रशासन द्वारा कानूनी शिकंजा कसने पर बल दिया। इससे पूर्व घुमरिया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल छात्रा अमायरा के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी। वहीं मामले को लेकर जांच अधिकारी से बात करके निष्पक्ष जांच की बात कही।