गुरुद्वारा जटाशंकर में बच्चों की धार्मिक प्रतियोगिता।
बच्चों के धार्मिक ज्ञान ने मोहा मन।
सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
बच्चों को जैसे संस्कार मिले वो वैसे ही ज्ञान के भाव में ढल जाते हैं। सोमवार की रात इसका प्रमाण शहर के प्रमुख गुरुद्वारा जटाशंकर में देखने को मिला। जहां कई दर्जन की संख्या में बच्चों ने अपने कीर्तन, कथा, कविता, गुरुबाणी पाठ की प्रस्तुतियों से ना केवल सभी का मन मोहा, बल्कि अपने धार्मिक ज्ञान से लोगो को जयघोष करने पर भी मजबूर कर दिया।
बताते चलें कि सिख धर्म के संस्थापक सतगुरु श्री गुरुनानक देव महाराज जी के प्रकाशपर्व को लेकर गुरुद्वारा जटाशंकर में पिछले एक माह से लगातार विभिन्न धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बच्चों की धार्मिक प्रतियोगिता भी बेहद प्रेरक आयोजन रहा, जिसमें एकस सिंह, अंगदजीत सिंह, अर्जनजीत सिंह, निहित मल्होत्रा, आदित्य कश्यप, परमीत सिंह, प्रभजोत कौर, श्रेयांश जायसवाल, करनवीर सिंह, अंगद सिंह, सिद्धि पुरी, यश बुधवानी, अनन्य बुधवानी, जरनैल सिंह, मनप्रीत सिंह, गुरसाहिब कौर, अनुष्का गुप्ता, परी गुप्ता, प्रीतो कौर, जसकरन सिंह, नमन मांधानी, मनन सिंह, इनाया कौर, सुखप्रीत कौर, तेज़बीर सिंह सहित तमाम अन्य बच्चों ने बड़े ही प्रभावशाली ढंग से कीर्तन गायन, काव्य पाठ, लेक्चर और गुरुबाणी पाठ सुनाकर सबका दिल जीत लिया। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को गुरुद्वारा प्रबंध समिति की ओर से पुरस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन भी किया गया। कार्यक्रम में अरदास व सुखासन के बाद गुरु के अटूट लंगर की सेवा में सभी शरीक हुए। कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य जगनैन सिंह नीटू ने किया। अध्यक्ष जसपाल सिंह ने बताया कि प्रकाशपर्व के उपलक्ष्य में चार नवंबर को सुबह परंपरागत निशान साहिब के वस्त्र बदलने की सेवा होगी और शाम 6.30 से रात्रि 10 बजे तक बाहर से आए विश्वप्रसिद्ध रागी जत्थे और कथावाचक अपनी प्रस्तुतियां देंगे। कार्यक्रम का समापन गुरु के लंगर से होगा।
आयोजन में मैनेजर रजिंदर सिंह, अशोक मल्होत्रा, चरणप्रीत सिंह मोंटू, धर्मपाल सिंह राजू, परमिंदर सिंह रोबिन, डॉ दीपक सिंह,गगन सहगल जी हरप्रीत सिंह साहनी, मंजीत सिंह, मंजीत सिंह भाटिया, सतनाम सिंह सैनी, मनप्रीत सिंह उप्पल, कुलदीप सिंह नीलू, जसविंदर कौर, गुरविंदर कौर, एड अरविंदर सिंह राजन सहित तमाम जन का सक्रिय सहयोग रहा।