आत्मसंयम, धैर्य और ईश्वर के प्रति समर्पण का संदेश देता है रमजान - सेराज अहमद कुरैशी
पत्रकारों ने रोजा इफ्तार पर लगाया मोहब्बत का दस्तरखान।
-इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन की ओर से सामूहिक रोजा इफ्तार।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के तत्वाधान गाजी रौजा स्थित राष्ट्रीय प्रशासनिक कार्यालय पर पत्रकारों ने सामूहिक रोजा इफ्तार का आयोजन हुआ। गंगा जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक, वेब मीडिया के पत्रकारों ने शिरकत कर मोहब्बत का पैग़ाम दिया तथा रोजा इफ्तार पर लगाया मोहब्बत का दस्तरखान।
इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने सभी पत्रकारों का स्वागत करते हुए कहा कि इस्लाम में रोज़ा केवल भूखा-प्यासा रहने का नाम नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक और नैतिक साधना है। इसका मुख्य उद्देश्य आत्मसंयम, धैर्य, और ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना को विकसित करना है। रोज़ा केवल शरीर की पवित्रता का ही नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि का भी साधन है।
वरिष्ठ पत्रकार सुशील कुमार ने कहा कि रमज़ान के महीने में मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक भोजन, पानी और बुरी आदतों से दूर रहते हैं। यह आत्मसंयम की परीक्षा होती है, जिससे व्यक्ति अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना सीखता है।
उपस्थित पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि ऐसे रोजा इफ्तार कार्यक्रम के माध्यम से समाज में फैल रही वैमनस्यता को समाप्त किया जा सकता है। ऐसे कार्यक्रमों से आपसी भाईचारा एवं प्रेम बंधुत्व बना रहता है।
रोज़ा इफ्तार पार्टी में वरिष्ठ पत्रकार सुशील कुमार, सुभाष गुप्ता, मुर्तुजा रहमानी, अजीत कुमार यादव, तनवीर आजाद, नवेद आलम, अवनीश त्रिपाठी, मो. शहाब, अफरोज अहमद , मोहम्मद अहमद खान, अंशुल वर्मा, रफी अहमद अंसारी, डाॅ. अतीक अहमद, मोईन सिद्दीकी, मोहम्मद सलीमुल्लाह, जुबेर आलम, ख्वाज़ा जियाउद्दीन, डाॅ. शकील अहमद, दानिश खान, मोहम्मद इस्माइल, सतीश चन्द, अजमेर आलम, इरफानुल्लाह खान, अहद करीम खान, मिन्हाज़ सिद्दीकी, आशुतोष कुमार, हाजी अहमद, हाजी मुख्तार कुरैशी, रफीक अहमद, दीपक त्रिपाठी आदि पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने शिरकत की।