डॉक्टर जाकिर हुसैन की पुस्तक "अली मियां नदवी की अदबी और सक़ाफती खिदमात" का किया गया शानदार विमोचन
रिपोर्ट मोहम्मद आसिफ अता
हाजीपुर (वैशाली) बिहार
जिला उर्दू टीचर्स एसोसिएशन वैशाली और अंजुमन तहफ़्फ़ुज़-ए-उर्दू वैशाली के संयुक्त तत्वावधान में डॉक्टर जाकिर हुसैन द्वारा लिखित पुस्तक "अली मियां नदवी की अदबी और सक़ाफती खिदमात" का विमोचन फतेहाबाद हाजीपुर स्थित उनके निवास पर आयोजित भव्य समारोह में किया गया।कार्यक्रम का आगाज हाफ़िज़ आसिफ़ हुसैन ने कुरआन की तिलावत से किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता जनाब मोहम्मद शाहिद महमूदपुरी ने की व संचालन मशहूर एंकर व उपाध्यक्ष जिला उर्दू टीचर्स एसोसिएशन वैशाली कौसर परवेज खान ने बहुत ही बेहतरीन अंदाज में किया।इस अवसर पर स्वागत भाषण मास्टर मोहम्मद अज़ीमुद्दीन अंसारी अध्यक्ष जिला उर्दू टीचर्स एसोसिएशन वैशाली ने दिया।कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि एस. एम. अशरफ फरीद (मुख्य संपादक, दैनिक "कौमी तंज़ीम" और अध्यक्ष, उर्दू एक्शन कमेटी बिहार) उपस्थित रहे जबकि अन्य विशिष्ट अतिथियों में जनाब अशरफुन्नबी क़ैसर महासचिव उर्दू एक्शन कमेटी बिहार ,जनाब रेहान ग़नी प्रसिद्ध पत्रकार,अनवार-उल-हुदा सचिव उर्दू एक्शन कमेटी बिहार ,जनाब मोहम्मद रफी संयोजक, राष्ट्रीय शिक्षक संगठन बिहार और जनाब शफी-उज़-ज़मां मुअज़्ज़म उपाध्यक्ष जिला उर्दू टीचर्स एसोसिएशन वैशाली शामिल थे।इस दौरान डॉक्टर जाकिर हुसैन की पुस्तक का विमोचन बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड पटना के सचिव एवं उच्च शिक्षा विभाग बिहार के डिप्टी डायरेक्टर जनाब अब्दुस्सलाम अंसारी के हाथों से किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि डॉक्टर जाकिर हुसैन ने एक ग्रामीण क्षेत्र में रहते हुए अली मियां नदवी जैसी महान हस्ती की ख़िदमात पर लिखकर यह साबित कर दिया कि सिर्फ़ शहरों में ही नहीं, बल्कि गाँवों में भी अच्छे लेखक और शोधकर्ता पैदा हो सकते हैं।वक्ताओं की प्रतिक्रियाएँ मोहम्मद रफी संयोजक, राष्ट्रीय शिक्षक संगठन बिहार ने कहा कि डॉ. जाकिर हुसैन एक सक्रिय और कर्मठ व्यक्ति हैं, जो पटना, हाजीपुर और मुज़फ्फरपुर समेत कई स्थानों पर अपनी मिशनरी भावना के साथ उर्दू के प्रचार-प्रसार में लगे हुए रहते हैं।मोहम्मद अज़ीमुद्दीन अंसारी कहा करते हैं कि डॉ. जाकिर हुसैन रात के दो बजे भी उर्दू लेख लिखकर उर्दू समाज को समर्पित कर देते हैं।शफी-उज़-ज़मां मुअज़्ज़म ने कहा कि आज उनके हाथों में डॉ. जाकिर हुसैन की लिखी पुस्तक होना गर्व की बात है।अनवार-उल-हुदा ने कहा कि गाँव फतेहाबाद जैसे क्षेत्र में बैठकर किताब लिखकर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि जुनून और लगन से कहीं भी लेखन और शोध संभव है।अशरफ नबी क़ैसर ने कहा कि डॉ. जाकिर हुसैन ने उर्दू जगत को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि अगर इच्छा शक्ति हो, तो किसी भी स्थान से शोध और लेखन किया जा सकता है।रेहान ग़नी ने अपनी शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि पहले वैशाली में उर्दू के सिर्फ़ कार्यकर्ता हुआ करते थे, लेकिन अब यहाँ डॉ जाकिर हुसैन जैसे लेखक भी जन्म ले रहे हैं।एस. एम. अशरफ फरीद ने कहा कि वे यह नहीं जानते थे कि डॉ. जाकिर हुसैन एक ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं। उन्होंने उनके पिता को भी बधाई दी कि उन्होंने अपने पुत्र को इस मुकाम तक पहुँचाने के लिए उच्च शिक्षा और संस्कार दिए।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मोहम्मद शाहिद महमूदपुरी ने कहा कि डॉ. जाकिर हुसैन वैशाली जिले की एक सक्रिय और प्रेरणादायक शख्सियत हैं, जो उर्दू भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित रहा करते हैं। उनकी पुस्तक के प्रकाशन ने उन्हें एक प्रतिष्ठित लेखक के रूप में स्थापित कर दिया है।पुस्तक समीक्षा:सदर आलम नदवी ने पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए कहा कि डॉ. जाकिर हुसैन की अब तक प्रकाशित सभी पुस्तकों में यह सर्वश्रेष्ठ कृति है।
कार्यक्रम के अंत में जिला उर्दू टीचर्स एसोसिएशन वैशाली और अंजुमन तहफ़्फ़ुज़-ए-उर्दू वैशाली की ओर से डॉ जाकिर हुसैन ने अपने पुस्तक विमोचन के मौके पर पत्रकार डॉक्टर कलीम अशरफ,मोहम्मद शाहनवाज अता क़ौमी तंज़ीम,हाफ़िज़ अब्दुल वाहिद,और वैशाली जिला के सरगर्म शख्सियत अब्दुल कादिर संयुक्त सचिव, जिला उर्दू टीचर्स एसोसिएशन वैशाली , और मोहम्मद जाहिद उपाध्यक्ष जिला उर्दू टीचर्स एसोसिएशन वैशाली और जनाब सदरे आलम नदवी को मोमेंटम देकर एस एम अशरफ़ फरीद एडिटर-इन-चीफ कौमी तंज़ीम के हाथो नवाज़ा गया।इसके अलावा, इस कार्यक्रम में मोहम्मद अफ़रोज़ (हाजीपुर),फिदा-उल-हुदा (हाजीपुर),अबू बकर, क़ुतुबुद्दीन,ए. एम. इज़हारुल हक़ एडवोकेट ने भी अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम का समापन डॉक्टर जाकिर हुसैन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।