विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर,विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कार्यक्रम किया आयोजीत।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार
विश्व हिंदी दिवस केअवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों,बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं नेभाग लिया। इस अवसर पर,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट,डॉअमानुल हक ने संयुक्त रुप से कहा कि विश्व हिंदी दिवस 1975 में, आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है।इस अवसर पर भारत समेत विश्व की नई पीढ़ी से आह्वान करते हुए वक्ताओं ने कहा कि हिंदी सांस्कृतिक एकता की भाषा है।नई पीढ़ी हिंदी भाषा कोऔजार बनाए, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पहल पर 10 जनवरी 2006 से हर साल मनाया जाता है।हिंदी विश्व की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है,विश्व में अंग्रेजी,मंदारिन एवं स्पेनिश के बाद हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी व्यापक रूप से बोली जाती है।एकअनुमान के मुताबिक करीब 65 करोड़ लोग किसी न किसी माध्यम से अपने दैनिक जीवन में हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं,पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था।1975 से विभिन्न देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम , मॉरीशस, त्रिनिदाद एवं टोबैगो ने विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया है।10 जनवरी 2006 को पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री,डॉ मनमोहन सिंह द्वारा विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था,तब से इसे वैश्विक भाषा के रूप में प्रचारित करने के लिए हर साल 10 जनवरी को विशेष दिवस के रूप में मनाया जाता है।इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है।इस दिन विदेशों में भारत के दूतावास एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा विशेष कार्यक्रमों काआयोजन करते हैं।सरकारी एवं सामाजिक संस्थाओं कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं।
आज भी पूरे भारतवर्ष के कई हिंदीवासी राज्य है,जहां हिंदी मुख्य रूप से पढ़ाया जाता है, इसकेअलावा भारत देश के बादअन्य कई देश,इस विश्व में है,जहां हिंदीभाषा पढ़ाई और लिखी जाती है,हिंदी दिवस के रूप में कार्यक्रमआयोजित कर हिंदी को जिंदा रखने के लिए लोग इच्छुक रह कर कार्यक्रम आयोजित करते हैं।