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Sun, 20 Apr 2025 01:11 AM

राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की मान वंदना यात्रा का हुआ स्वागत..

संतकबीनगर , उत्तर प्रदेश

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा संचालित मानवंदना यात्रा जनपद सन्त कबीर नगर पहुचने पर हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय के तिराहे पर कार्यकर्ताओ द्वारा स्वागत किया गया। तत्पश्चात यह यात्रा शहर से होते हुए हीरालाल इंटर कालेज पहुंची। जहां पर यात्रा का अभिनंदन समारोह सम्पन्न हुआ। ध्यातव्य है कि यह मानवंदना यात्रा पुण्य श्लोक अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर मध्यप्रदेश से निकल कर गोरखपुर तक जायगी। सन्त कबीर नगर जनपद में मानवंदना यात्रा के अभिनन्द समारोह को सम्बोधित करते हुए मानवंदना यात्रा के संयोजक उदित पराशर ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर के जन्मत्रिशताब्दी के अवसर पर मध्य प्रदेश के खरगोन जिले स्थित महेश्वर से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तक 13 से 21 नवंबर तक 'मानवंदना रथ यात्रा' निकाली गई है।अभाविप की 'मानवंदना यात्रा' के रथ को अहिल्याबाई होलकर की राजधानी महेश्वर का स्वरूप दिया गया है, जिसमें लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की मूर्ति स्थापित की गई है। यात्रा के दौरान विभिन्न स्थलों पर संगोष्ठी, संवाद, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाएंगे और पत्रक के माध्यम से अहिल्याबाई होलकर के जीवन से लोगों को अवगत कराया जाएगा। यह यात्रा 21 नवंबर को गोरखपुर पहुंचेगी, गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 70 वां राष्ट्रीय अधिवेशन 22-24 नवंबर आयोजित हो रहा है। इस यात्रा के माध्यम से लोकमाता अहिल्याबाई होलकर द्वारा महिला सशक्तिकरण, स्वशासन, भारत की सांस्कृतिक चेतना के पुनरूत्थान हेतु प्रयासों को जनसामान्य तक पहुंचाया जाएगा। यह यात्रा 13 नवंबर को मध्य प्रदेश के महेश्वर से शुरू होकर इंदौर, उज्जैन, भोपाल, विदिशा, रीवा, प्रयागराज, अयोध्या बस्ती सन्त कबीर नगर होते हुए 21 नवंबर को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर पहुंचेगी। सन्त कबीर नगर जनपद में आयोजित मानवंदना यात्रा के अभिनन्द समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित धनघटा के विधायक गणेश चौहान ने कहा कि पुण्य श्लोक अहिल्याबाई होल्कर का जीवन वृत्त भारत के सभी नागरिकों को अध्ययन करना चाहिए। राष्ट्र के पुनर्निर्माण में अहिल्याबाई होल्कर का योगदान अविस्मरणीय रहा है। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित देवेन्द्र मिश्रा ने राजमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि


भारत के पुनर्निर्माण में अहिल्याबाई होल्कर का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। भारत के घाट, मंदिर, धर्मशालाओं के निर्माण के माध्यम से अहिल्याबाई होलकर जी ने दक्षिण को उत्तर से जोड़ते हुए एकात्मता को बनाएं रखा है। पूज्य अहिल्याबाई होल्कर नारी सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति रही है। अभाविप की यह मानवंदना यात्रा महिला सशक्तिकरण, स्वशासन, भारत की सांस्कृतिक चेतना के पुनरूत्थान हेतु प्रयासों को जनसामान्य तक पहुंचाएगी ।

अहिल्याबाई का पूरा जीवन संसार के लिये एक उदाहरण है। उनका व्यक्तित्व सामान्य से बहुत अलग है, विशिष्ट है। अपनी विशिष्टता के कारण ही वे जन सामान्य में सर्व सम्मानीय बनीं। भारत के हर क्षेत्र में राज परिवार रहे हैं और महारानियाँ भी हुई हैं। लेकिन जो सम्मान अहिल्याबाई को मिला उतना सब को नहीं उन्हें किसी दरबारी ने नहीं, जन सामान्य ने लोकमाता कहकर पुकारा। सम्मान की इस ऊँचाई पर वे अपने व्यक्तित्व और कर्म कर्त्तव्य के आधार पर पहुँची। वे स्वयं अपनी प्रतिभा की दम पर पहचानी गई।

उनका जन्म किसी प्रतिष्ठित या समाज में संपन्न परिवार में नहीं हुआ था।साधारण सैनिक परिवार में जन्मीं थीं। आठ वर्ष की बालवय आयु किसी भी बच्चे की खेलने कूदने की होती है। लेकिन अहिल्याबाई इस आयु में भी अपने समवयस्क बच्चों का समन्वय करना सीख गई थीं। यह विचारणीय है कि उनमें यह क्षमता कैसे आई। इसका उत्तर उनके जीवनवृत्त समझने से ही मिल जाता है। निसंदेह वे विलक्षण प्रतिभा लेकर ही संसार में आईं थीं। उनका संबंध दो परिवारों से। एक जिस परिवार में उन्होंने जन्म लिया। और दूसरा वह परिवार जिसमें बहू बनकर गईं। उनकी प्रतिभा को विकसित आकार देने में इन दोनों परिवारों के वातावरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। वही बीज अपनी विशिष्टता के अनुरूप विशाल आकार लेता है जिसको उचित वातावरण और खाद पानी मिलता है। अहिल्याबाई को दोनों परिवारों में ऐसा वातावरण मिला जिसमें उनका व्यक्तित्व, उनके जीवन का संघर्ष हर युग में प्रेरणादायक बना। हीरालाल इंटर कालेज के प्रधानाचार्य रामकुमार सिंह ने इस यात्रा एवं अभिनन्दन समारोह में उपस्थित सभी के प्रति सम्मान ज्ञापित करते हुए कहा कि यह यात्रा सर्व समाज के लिए अनुकरणीय हैं। कार्यक्रम के समापन की घोषणा एवम आभार प्रकटीकरण जिला प्रमुख अभिषेक सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्रान्त सहमन्त्री माधवेन्द्र तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रांत कार्यसमिति सदस्य पूर्णेश नारायण सिंह, कृपाचार्य पांडेय, स्वामी डा. विनय, राजकुमार शर्मा, डा. सुजीत श्रीवास्तव, अखिलेश्चर द्विवेदी, अनामिका, डा. चंद्रप्रकाश त्रिपाठी सहित अनेकों लोग उपस्थित रहे।

Karunakar Ram Tripathi
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