सहरी करना पैग़ंबरे इस्लाम की सुन्नत - हाफिज रहमत अली निजामी
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि अल्लाह का एहसान कि उसने हमें रोज़े जैसी अज़ीम नेमत अता की। सहरी की न सिर्फ इजाजत दी, बल्कि इसमें हमारे लिए ढ़ेरों सवाब भी रखा। सहरी में बरकत है। फज्र की अजान के दौरान खाने पीने की इजाजत नहीं है। अजान हो या न हो, आप तक आवाज पहुंचे या न पहुंचे सुबह सादिक होते ही आपको खाना-पीना बिल्कुल ही बंद करना होगा। किसी को ये गलतफहमी न हो जाए कि सहरी रोज़े के लिए शर्त है, ऐसा नहीं है। सहरी के बगैर भी रोज़ा हो सकता है। मगर जानबूझकर सहरी न करना ठीक नहीं है। एक अजीम सुन्नत से महरूमी है और ये भी याद रहे कि सहरी में खूब डटकर खाना भी जरूरी नहीं हैं। चंद खजूरें और पानी ही अगर बनियते सहरी इस्तेमाल कर लें तब भी सुन्नत अदा हो जाएगी।
--------------------------------