आत्मा पुनर्जन्म,स्वर्ग नरक काल्पनिक–अर्जक संघ
–प्रभात वर्मा की मृत्युपरांत अर्जक पद्धति से हुई शोकसभा
रिपोर्ट: विनोद विरोधी
नालंदा(बिहार )।
सामाजिक कार्यकर्ता और दयाबिगहा के किसान प्रभात कुमार वर्मा की मृत्योपरांत आज उनके गांव में तमाम पुरानी परंपरा को त्यागकर अर्जक पद्धति से शोकसभा संपन्न हुई। इस कारण अर्जक संस्कृति चर्चा का विषय बना हुआ है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में अर्जक संघ सांस्कृतिक समिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और शिक्षाविद उपेंद्र पथिक ने कहा कि आत्मा,पुनर्जन्म, भाग्य ,स्वर्ग , नरक बैतरणी आदि काल्पनिक है, पर कुछ धूर्त लोगों ने इस नाम पर डर पैदा करके शोषण पर आधारित धंधा बना लिया है। अर्जक संघी सभी प्रकार के धार्मिक आडंबर और कुरीतियों से दूर रहते हैं।
उन्होंने कहा कि महामना राम स्वरूप वर्मा ने 1968 में अर्जक संघ की स्थापना करके समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुरीतियों को समाप्त करने की शुरुआत कर दी है।
संघ के जिला संयोजक कमलेश कुमार कमल ने मृत्योपरांत होने वाले परंपरा को नकारकर मानववादी व्यवस्था लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पुरानी परंपरा शोषण और पाखंड पर आधारित है। इसके विकल्प के रूप में अर्जक संघ ने नई परंपरा लागू किया है जो काफी लोकप्रिय हो रहा है।
सभाको अन्य वक्ताओं के अलावा नरेंद्र कुमार,प्रदीप वर्मा, प्रमोद वर्मा, पूर्व विधायक रवि ज्योति,चंद्रमणि कुमार, ऐड अरुण सिन्हा, संजय सिन्हा(बीडीओ), आशुतोष मुकर्जी, विश्व दर्पण, डॉ बिरेंस,पुरुषोत्तम कुमार, इंज अनिल कुमार, आदि ने समाज में व्याप्त ब्राह्मणवाद अंधविश्वास को नकारने पर बल दिया ।
स्मरणीय है कि प्रभात वर्मा की मृत्युपरांत कोई भी हिंदू संस्कृति और परंपरा को नहीं अपनाया गया। न तो मृत्यू भोज का आयोजन हुआ और न ही किसी ब्राह्मण को कोई दान दक्षिणा दिया गया। इस कारण यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। केवल शोकसभा करके संस्कार संपन्न कराया गया। अंत में एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
इस कार्यक्रम में जिले के कई जाने माने समाजसेवी, पत्रकार, प्रशानिक अधिकारी आदि भी शामिल थे।