सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन ने धरना प्रदर्शन किया।
हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन कानपुर के आहवान पर कानपुर मेडिकल कालेज, गोल चौराहा चन्द्रशेखर आजाद प्रतिमा के नीचे दोपहर में धरना संयोजक बी०एल०गुलाबिया के नेतृत्व में प्रारंभ हुआ। धरने में प्रमुख रूप से पेशन फोरम के महामंत्री आन्नद अवस्थी ने घोषणा किया कि कानपुर में पेंशनरों के संघर्ष में केन्द्रीय पेंशनर्स हर स्तर पर सहयोग करेगा। पेशनर्स की एक ही जाति है, एकता के सूत्र ने पिरोने का कार्य पेशन फोरम करेगा। बी०एल० गुलाबिया ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार पेशनरों के राशिकरण के नाम पर 15 वर्षों तक कटौती कर पेशनर्स का आर्थिक दृष्टि से उत्पीड़न कर रही है जबकि पेशनर्स को दिए गए धन की वसूली 8 वर्ष 3 माह में पूरी हो जाती है। इसलिए राशिकरण की कटौती 10 वर्षों में करने की मांग किया। करोनाकाल से रेल किराये में 40 प्रतिशत छूट जो बंद किया गया था को तत्काल पुनः चालू किया जाए। कैशलेस कार्ड बनाने एवं पेशनर्स को इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों का भुगतान 15 दिनों में किया जाए। कानपुर के सीएमओ द्वारा निरंतर पेशनर्स की उपेक्षा के कारण समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने सीएमओ को कड़ी फटकार लगाने के बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। यही कारण है कि गली कूंचों में कुकुमुत्तों की तरह नर्सिंगहोमों की बाढ़ आ गयी है जहां आये दिन रोगी की मौत हो रही है। कानपुर के ऐसे सीएमओ को तत्काल हटा देना चाहिए। पेशनर्स को प्रत्येक 5 वर्ष बाद 65, 70, 75 वर्ष की आयु में अतिरिक्त पेंशन बढ़ोत्तरी की मांग किया गया और 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को एक वेतन वृद्धि दिया जाए। धरने के बाद 23 सूत्रीय मांग पर जो मुख्यमंत्री उ0प्र0 सरकार को संबोधित है को एसीपी स्वरुपनगर को सौंपा। धरने में प्रमुख रुप से बेनी सिंह सचान, उमेश सिंह, आरपी श्रीवास्तव एडवोकेट, रविन्द्र कुमार मधुर, ताराचन्द्र, चन्द्रपाल बेचेलाल, चन्द्रहास सिंह चौहान, अलगू प्रसाद यादव, जगदीश प्रसाद मिश्रा, हीरालाल शर्मा, ऊषा चौहान, रामरानी कटियार, सरोज शर्मा, राजेश खन्ना, अयोध्याशाद, विशरपाल, इत्यादि लोग मौजूद रहे!