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Mon, 07 Jul 2025 06:37 AM

हिफ्ज ए कुरआन ऎसी दौलत जिसे पूरी दुनिया की दौलत से भी नहीं खरीदा जा सकता - सैय्यद सुहेल अशरफ

जश्न ए सद साला जामा मस्जिद और जश्न ए हिफ्ज दस्तारबन्दी की अजीमुश्शान मजलिस हु। 

6 बच्चों की हुई ताजपोशी। 

अभय सिंह ने कपड़े व दस हजार रूपए एवं मास्टर फखरे आलम ने सायकिलें दे कर किया पुरस्कृत।

डॉ. शाह आलम 

शोहरतगढ़, सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश।

शोहरतगढ़ में जश्न ए दस्तारबंदी व जश्न ए सद साला जामा मस्जिद के मौके पर एक अजीमुश्शान मजलिस मुनक्कित किया गया। इस समारोह में मदरसे के हाफिज का कोर्स पूरा कर चुके छ: छात्रों के सर पर दस्तार बांध कर सर्टिफिकेट दिया गया। शोहरत गढ़ स्थित दारुलउलूम नूरुललतीफ में मकतब अरबिया में जश्न ए दस्तार बंदी और सद साला जलसे का आयोजन किया गया।

मजलिस में 

 आये शेख ए तरीकत मोहम्मद हबीबुर्रहमान रजवी ने कुरआन पाक हिफ्ज कर चुके बच्चों के   सरो' पर दस्तार बांधा है।

बतौर खास मुकररिर जामा मस्जिद सिद्धार्थ नगर के इमाम 

हज़रत मौलाना सैय्यद सुहेल अशरफ ने मजलिस में खुश बयानी फरमाते हुए कहा कि मदरसों से देश को शांति और सौहार्द का पैगाम हमेशा से दिया जाता रहा है और आज भी दिया जा रहा है । जिस बच्चे ने कुरान सीखा वह बहुत बड़ी दौलत पा गया, जिसे बाजार से किसी भी कीमत पर खरीदा या किसी पैरवी से नही पाया जा सकता है। इससे बड़ी कोई दौलत नही होती है।

शायर गुलाम साबिर इलाहाबादी के शेर “नबी जी हमारे बड़ी शान वाले ” पर मौजूद लोगों ने खूब इनाम दिया है।

दस्तार पाने वाले बच्चों के परिजनों ने बच्चों का फूल मालाओं से खैर मकदम करते हुए इनाम वह इकराम से नवाजा है।आज मदरसा दारूल उलूम नूरुललतीफ व जामा मस्जिद शोहरत गढ के तामीर हुए सौ साल पूरे हो चुके हैं। जिसे लेकर एक अजीमुश्शान सद साला जलसे का एहतमाम मस्जिद चौराहा पर किया गया। जिसमें दारूलउलूम नूरुललतीफ में दीनी तालीम हासिल करने वाले हाफिज ए कुरआन बने छः बच्चों की ताजपोशी की गई। जामा मस्जिद तेतरी बाजार सिद्धार्थ नगर के इमाम सैय्यद सुहेल अशरफ ने कुरआन हिफ्ज कर चुके बच्चों को सर्टिफिकेट दे कर उनके कामियाब जिंदगी सेहत व सलामती की दुआ की है।शोहरतगढ़ चेयरमैन प्रत्याशी अभय प्रताप सिंह ने हाफिजा के बच्चों को दस हजार रूपए एवं कपड़े दे कर पुरुस्कृत किया है। मास्टर फखरे आलम ने इन बच्चों को साइकिल दे कर पुरुस्कृत किया है। इस बीच मौलाना सैय्यद सुहेल अशरफ,नाजिम नवाब खान व सदर अल्ताफ हुसैन, कारी अकबर अली, कारी रजीउलला, मौलाना आजाद, हाफिज एजाज अहमद, अब्दुलला आरिफ , निशार अहमद , अजीज अहमद, अनवर अली राइनी सहित मदरसा के जिम्मेदारों को सम्मानित किया गया है । इनके सरो` पर बांधा गया हाफिज ए कुरआन का सेहरा - हाफिज मोहम्मद शहजाद इब्न नूर मोहम्मद,, हाफिज मोहम्मद मुश्ताक इब्न अब्दुल मजीद,, हाफिज मोहम्मद सलीम इब्न हाफिज अब्दुल्ला,, हाफिज मोहम्मद इमरान इब्न शमशाद अहमद,, हाफिज मोहम्मद तसलीम इब्न मुशीर खान,, हाफिज मोहम्मद याकूब इब्न सरवर आलम। मजलिस में इन्होंने किया खिताब - मोहीउद्दीन मोहम्मद कादरी,,निशार अहमद निजामी,, जाकिर मिस्बाही अब्दुल्ला आरिफ,,कारी रजीउल्लाह । किरात ए कुरआन कारी अकबर अली अंसारी ने करते हुए पाक महफ़िल का आगाज किया। इन्होंने पढ़ी हम्द वह सना - शायर ए इस्लाम गुलाम साबिर इलाहाबादी,, खुर्शीद अहमद निजामी,, नूरुल हसन अत्तारी,। इस अजीमुश्शान मजलिस में शोहरत गढ़ के अलावा आसपास के गांवों से हजारों लोगों ने शिरकत किया है।

Karunakar Ram Tripathi
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