छत्रपति शिवाजी की जयंती बड़े ही धूमधाम से हुआ संपन्न।
ब्यूरो चीफ़ शहाबुद्दीनअहमद
बेतिया, बिहार।
स्थानीय नगर थाना क्षेत्र में अवस्थित,घसियारपट्टी वार्ड नंबर 14 स्थित मधुकुंज भवन में,कुर्मी क्षत्रिय नवयुवक संघ द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई।जिसमें कई वक्ताओं ने अपने अपने विचारों को रखा। इसी क्रम में,मुख्यअतिथि,सेवानिवृत, पुलिस उपाधीक्षक, रामदास बौद्ध ने कहा कि शिवाजी सिर्फ एक जाति के नहीं थे,बल्कि वे सबके थे। उनकी सेना में 35%मुस्लिम थे,यहां तक कि उनके सेनापति और अंगरक्षक भी मुस्लिम ही थे।उनकी लड़ाई किसी जाति संप्रदाय से नहीं थी,बल्कि राष्ट्रभक्ति की थी,जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में,डॉक्टर गोरख प्रसाद मस्ताना ने कहा कि हमें शिवाजी के आदर्शों को अपनाना होगा,साथ ही उनके जीवन को अपने पाठ्य पुस्तकों में शामिल करअपने बच्चों को पठन पाठन के साथ साथ आगे बढ़ाने का काम करना होगा,उनके विचारों को हम लोग अपने जीवन में उतारना होगा,यही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।हमारी पीढी दर पीढी इसको जान पाएगी। समाजसेवी जेपी सेनानी,नंदलाल प्रसाद ने कहा कि शिवाजी,किसी एक जाति के नहीं थे बल्कि वे पूरे समाज का प्रतिनिधित्व करते थे। जो लोग उनका विरोध करते थे उनकी भी वह रक्षा करने का काम करते थे। वक्त शंकर प्रसाद ने कहा कि हम लोग शिवाजी के आदर्शों का पालन करें। वही अशोक कुमार ने कहा कि शिवाजी ने एक नई दिशा प्रदान करने का काम किया।जेपी सेनानी,ठाकुर प्रसाद त्यागी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हम लोग सरकार से यह मांग करे कि शिवाजी के जीवन को पाठ्य पुस्तकों में शामिल करें,जबकि ओबीसी -दलित एकता मंच के संयोजक,एस.के.राव,पत्रकार ने कहा कि हमें शिवाजी की जयंती सिर्फ मनाने से कुछ नहीं मिलेगा बल्कि उनके जीवन को अपने जीवन में उतारना होगा।उनके आदर्शों को अपनाना होगा तथा उनके अधूरे सपनों को हमें पूरा करना होगा। वही शिक्षक,हरे कृष्ण ने कहा कि हम शिवाजी के किए गए कामों को नहीं भूल सकते हैं,उन्होंने जो राष्ट्र के लिए अपनी भक्ति दिखाई उसे याद कर हमें राष्ट्र के प्रति समर्पित होना होगा।मंच संचालन,शंभू प्रसाद ने किया,जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता,ठाकुर प्रसाद त्यागी ने की,अन्य वक्ताओं में हरेंद्र राव, भोले पटेल संतोष आनंद,सुभाष कुमार,प्रभु पंडित सहित कई लोगों की उपस्थिति सराहनीय रही।