मधुबनी,चनपटिया एवं बैरिया अंचलाधिकारियों पर कार्रवाई के अंतर्गत लगा अर्थ दण्ड।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया(पश्चिमी चंपारण)बिहार।
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत प्राप्त मामलों का निष्पादन निर्धारित समयावधि में कराने तथा लंबित मामलों का निपटारा तीव्र गति से कराने हेतु जिला प्रशासन लगातार संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाता रहा है। प्रत्येक सोमवार को उक्त अधिनियम से संबंधित प्राप्त आवेदनों के निष्पादन की समीक्षा भी की जाती है। जिलाधिकारी, कुंदन कुमार द्वारा सभी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी एवं लोक प्राधिकारों को उक्त अधिनियम का क्रियान्वयन निर्धारित समयावधि में सुनिश्चित करने हेतु कहा जाता है ताकि मामला दर्ज कराने वाले व्यक्तियों को न्याय मिल सके। जिलाधिकारी द्वारा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत विभिन्न मामलों की स्वयं सुनवाई की गयी। इस दौरान शिकायत के निवारण में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के अनुपालन में शिथिलता बरतने वाले लोक प्राधिकार यथा मधुबनी,चनपटिया एवं बैरिया के अंचलाधिकारियों पर 500-500 रूपये का अर्थदंड लगाया गया है। साथ ही आदेश का अनुपालन तीव्र गति से सुनिश्चित कराने का निर्देश भी दिया गया है।ज्ञातव्य हो कि शेषनाथ कुशवाहा,पिता स्व० राम लक्षण कुशवाहा,ग्राम-दहवा के द्वारा अतिक्रमण के मामले में लोक शिकायत में मामला दर्ज कराया गया था। इसकी सुनवाई जिलाधिकारी द्वारा की गई। जिलाधिकारी ने पाया कि अंचल अधिकारी,मधुबनी के द्वारा शिकायत के निवारण में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के अनुपालन में शिथिलता बरती गई है। इसके मद्देनज़र इनके विरुद्ध 500/- का आर्थिक दण्ड लगाया गया।वहीं प्रभुनाथ तिवारी,पिता स्व० बेचू तिवारी,बभनहिया टोला के द्वारा अतिक्रमण के मामले में लोक शिकायत में मामला दर्ज कराया गया था। इसकी सुनवाई जिलाधिकारी द्वारा की गई। जिलाधिकारी ने पाया कि अंचल अधिकारी,चनपटिया के द्वारा शिकायत के निवारण में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के अनुपालन में शिथिलता बरती गई है। इसके मद्देनज़र इनके विरुद्ध 500/- का आर्थिक दण्ड लगाया गया।इसी तरह विजय कुमार पिता स्व० बेलास साह,डुमरिया के द्वारा अतिक्रमण के मामले में लोक शिकायत में मामला दर्ज कराया गया था। इसकी सुनवाई जिलाधिकारी द्वारा की गई। जिलाधिकारी ने पाया कि अंचल अधिकारी,बैरिया के द्वारा शिकायत के निवारण में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के अनुपालन में शिथिलता बरती गई है। इसके मद्देनज़र इनके विरुद्ध 500/- का आर्थिक दण्ड लगाया गया।