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Fri, 09 May 2025 03:08 AM

नेपाली मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन(NSMSO) की दरगाह आलाहज़रत ने नेपाल में की स्थापना।

नेपाली मुस्लिम छात्र भी अब करेंगे मसलके आलाहज़रत का अलम बुलंद।

नेपाल के शिक्षण संस्थानों में एन0एम0एस0ओ0 करेगा  सुन्नी,सुफी,खानकाही,बरेलवी विचार धारा का प्रसार:मुफ्ती सलीम।

सूफी विचारधारा यानी मसलके आलाहज़रत ही इस्लाम की शुद्ध विचार धारा है,छात्र इसी को अपनाएं:मुफ्ती सलीम

सिमी जैसे संगठनों ने बहुत से मुस्लिम छात्रों और नौजवानों के भविष्य को बर्बाद कर दिया:मुफ्ती सलीम

किसी भी देश का नौजवान उस देश का की जान व भविष्य होता है:मुफ्ती सलीम

सुन्नी मरकज़ दरगाहेआलाहजरत  की नेपाल देश के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पहल। 

गणेशपुर, बांके, नेपाल। 

 नेपाल के स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और आधुनिक संस्थानों में पढ़ने वाले सुन्नी मुस्लिम छात्रों ,पढ़े, लिखेऔर कार्यालयों में काम करने वाले नौजवानों को गुमराह संप्रदायों के जाल से बचाने और उनके ईमान व अकाइद,उनके विश्वास,उनकी सुन्नी सूफी आस्था और विचारधारा की रक्षा व हिफाजत के लिए मरकज़े अहल-ए-सुन्नत दरगाह आलाहज़रत बरेली शरीफ उत्तर प्रदेश भारत ने एक अहम और अनोखी पहल करते हुए "नेपाली सुन्नी मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन " की स्थापना की।
दरगाह आलाहज़रत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि भारत-नेपाल उल्मा इत्तेहाद कौन्सिल मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम दरगाहे आलाहजरत के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी मंज़र-ए-इस्लाम से 7 मुफ़्तियाने किराम का प्रतिनिधिमण्डल ले कर  मसलके आलाहज़रत और सुफी विचारधारा को  प्रसारित व प्रचारित करने और मानवतावाद व शान्तिवाद का संदेश देने नेपाल देश पहुंचे जहां उन्होने लुम्बनी प्रदेश के दो जनपदों बांके और बर्दिया के कई कस्बों व देहातों का दौरा करने के उपरांत नूरी मदीना मस्जिद गणेशपुर नेपालगंज जनपद बाँके में आयोजित
"नेपाली सुन्नी मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन स्थापना अधिवेशन"में मेहमाने खुसुसी और मुख्य वक्ता के रुप में सम्मिलित होकर एन0एस0
एम0एस0ओ0 की स्थापना की।
अधिवेशन मे बोलते हुए मुफ्ती सलीम साहब ने कहा कि भारत व नेपाल पड़ोसी देश होने के साथ मित्र देश भी है,दोनो देशों के नागरिक हमेशा से अच्छे पडोसी के रुप में आपसी संबंध और सहयोग के साथ रहते चले आए हैं,हमारे नेपाली मुस्लिम समुदाय का भारतीय खानकाहों खास कर मरकजे अहल-ए-सुन्नत दरगाह आलाहज़रत बरेली शरीफ उत्तर प्रदेश भारत से बहुत गहरा रुहानी रिश्ता रहा है।इस रिशते को सूफी विचारधारा अर्थात मसलके आलाहज़रत से मजीद मजबूत किया जा सकता है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जमाते इस्लामी के कट्टरपंथी छात्र संगठन सिमी द्वारा किए जा रहे अत्याचारों और ज्यादतियों का उदाहरण देकर इन जैसे गुमराह संप्रदायों से नेपाली सुन्नी छात्रों और युवाओं को बचाने के लिए नेपाली सुन्नी मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन की स्थापना के महत्व को समझाते हुए मुफ्ती सलीम ने कहा कि
नेपाल देश के सुन्नी मुस्लिम छात्र किसी गलत संगत और हानिकारक संगठन से जूड कर अपना ईमान व अकीदा बर्बाद ना कर लें इस के लिए इस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की।
नेपाली सुन्नी मुस्लिम स्टूडेट्स ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक अधिवेशन (NSMSO) के प्लेटफार्म से  नेपाली मुस्लिम छात्रों की अच्छी शिक्षा और दीक्षा पर बल देते 
मुफ्ती सुवालेह हसन मंज़री ने कहा कि आज सुफी विचार धारा के विरुद्ध बहुत सी गुमराह विचारधाराएं हैं जिन सै सावधान रहने की जरुरत है।
मुफ्ती कहफुलवरा मिस्बाही साहब ने इस ऑर्गनाइजेशन को वक्त की जरूरत बताते हुए कहा कि मरकज़े अहल-ए-सुन्नत दरगाहेआलाहजरत बरेली शरीफ उत्तर प्रदेश भारत ने हर दौर में सब के खास कर नेपाल के सुननियों के ईमान व अकाइद को बचाया है और आज भी दरगाह प्रमुख हज़रत सुबहानी मियॉ साहब और सज्जादानशीन हजरत मुफ्ती अहसन मियॉ साहब हमारी फिक्र करते हैं।इस अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए मौलाना नसरूद्दीन अन्सारी साहब ने कहा कि दरगाहेआलाहजरत प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियॉ साहब ने अपने प्रतिनिधिमण्डल भेज कर हमारी मजहबी व मसलकी जरुरतों को पुरा किया है।
 यह विशेष कार्यक्रम दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक चला जिस में नेपाल देश से हजरत मौलाना नसीरुद्दीन अंसारी साहिब,भारत व नेपाल उल्मा इत्तेहाद कौन्सिल के प्रवक्ता मोहम्मद तौहीद रज़ा अन्सारी साहब,खतीब व इमाम जामा मस्जिद नेपालगंज हजरत कारी मोहम्मद शरीफ अल कादरी साहिब, हजरत मौलाना मुफ्ती कहफुलवरा मिस्बाही साहिब, हजरत कारी अजमत साहिब,हजरत कारी दानिश रजा साहब,पत्रकार समीर अली वोहना साहब और अन्य प्रतिष्ठित और बौद्धिक व्यक्तियों सम्मिलित हुए। मरकजे अहल-ए-सुन्नत मंजर-ए-इस्लाम दरगाहेआलाहजरत सौदागरान जनपद बरेली शरीफ उत्तर प्रदेश भारत से मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम दरगाहेआलाहजरत का प्रतिनिधित्व करते  मुफ्ती मुहम्मद सलीम बरेलवी,वरिष्ठ शिक्षक जामिया रिजविया मंजरे इस्लाम मुफ्ती मुहम्मद सालेह हसन मंजरी, मुफ्ती अहमद रजा मंजरी, मुफ्ती वसीम रजा मंजरी, मौलाना सालेह रजा रिजवी, मौलाना मुहम्मद फैज रजा अस्कलानी,मौलाना अरशद रजा नेपाली और   मास्टर मुहम्मद आरिफ बरेलवी सम्मिलित हुए। स्कुल, कॉलेज और आधुनिक शिक्षणष संस्थानों के छात्रों ने 
भारी संख्या में भाग लिया। मुहम्मद तौहीद रज़ा साहिब द्वारा बड़े जोश के साथ इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया।

Karunakar Ram Tripathi
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