सहज और सरल स्वभाव की प्रतिमूर्ति थी मृदुला दीदी :डॉक्टर शशि भूषण
हाजीपुर (वैशाली) बिहार
शहर के मेदिनीमल स्थित टैगोर किड्स एंड हाई स्कूल में विख्यात हिंदी लेखिका एवं गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा की पुण्यतिथि पर उनकी याद में एक सभा का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता वैशाली हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष एवं स्कूल के निदेशक डॉ शशिभूषण कुमार ने किया।सर्वप्रथम उनके चित्र पर सभी उपस्थिति महानुभावों एवं बच्चों ने पुष्पांजलि अर्पित किये। डॉक्टर शशि भूषण कुमार ने कहा मृदुला दीदी मर कर भी अमर है।उनके साथ बिताये संस्मरणों को बताते हुये डॉक्टर कुमार ने कहा कि आज भी हमें उनकी सहज और सरल स्वभाव याद आता है जब हिन्दी साहित्य सम्मेलन पटना के अधिवेशन में हमारे साहित्य सम्मेलन के ओजस्वी अध्यक्ष डॉक्टर अनिल सुलभ के आमंत्रण पर एक दिन में दो-दो सत्रों में पूरे सत्र उपस्थित रहकर कर साहित्यिक गतिविधियों को गरिमा प्रदान करती थी तब वह गोवा की महामहिम राज्यपाल हुआ करती थी।हम सभी से मिलना-जुलना और बातें करना एक सरल और सहज व्यक्तिव का ही परिचायक था।उन्होंने ने यह भी बताया कि जब मृदुला दीदी वर्ष 2019 में गोवा विश्विद्यालय में हिंदी और कोकणी भाषा पर दो दिवसीय सेमिनार आयोजित कारवाई थी तो बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 21 प्रतिनिधि साहित्यकारों में मैं भी गया था।मृदुला दीदी गोवा राज भवन में दो दिन लगतार अपने साथ रात्री भोज कराते हुये बोली मेरे घर से भाई लोग आया है आप लोग को कुछ और समय ले कर आते तो....हमें और अच्छा लगाता। मृदुला सिन्हा गोवा की पहली महिला राज्यपाल थीं।बिहार के मुजफ्फरपुर में जन्मीं सिन्हा विख्यात हिंदी लेखिका होने के साथ-साथ बीजेपी की वरिष्ठ नेता भी थीं।मृदुला सिन्हा 26 अगस्त, 2014 से लेकर 2 नवंबर 2019 तक गोवा की राज्यपाल थीं।''श्रीमती मृदुला सिन्हा जी को जनसेवा के लिए किए गए उनके प्रयासों के चलते याद किया जाएगा।वह एक कुशल लेखिका भी थीं, जिन्होंने साहित्य के साथ-साथ संस्कृति की दुनिया में भी व्यापक योगदान दिया।उनकी यादें हम सभी के संस्करण में सदा अमर रहेगा।इस अवसर पर कई गण्यमान्य लोगों के साथ-साथ स्कूल में शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं बच्चों ने भी श्रद्धांजलि व्यक्त किया।