नफरतों को कम करने वाले ही अस्ली देशभक्त हैं - दरगाह प्रमुख
आपसी सौहार्द को बढावा दें,ग़रीबों की मदद करें,जकात व सदके का एहतिमाम करें।
जुमे के दिन एहतियात और सतर्कता बरतें - दरगाह प्रमुख
रमजान में जुमे के दिन होली के त्योहार के मद्देनजर दरगाह प्रमुख ने अवाम के लिए अपने पैगाम में जारी की एडवायजरी।
बरेली, उत्तर प्रदेश।
माहे रमजान,रोजे,तरावीह, तकमीले कुरआन की महफिलों आदि की धूमधाम और चहल-पहल के बीच खास जुमे के दिन होली जैसे रंगों के त्योहार के पड़ जाने की वजह से शासन प्रशासन ही नहीं बल्कि सभी चिन्तित और चाक व चौबंद नजर आ रहे हैं। मजहबी शख्सियात भी फिक्रमंद हैं,ऐसे में सुन्नी सूफी खानकाही बरेलवी विचारधारा के सबसे बड़े भारतीय केंद्र मरकज़े अहले सुन्नत दरगाह आला हजरत बरेली शरीफ की बुजुर्ग हस्ती दरगाह प्रमुख हज़रत अल्लामा सुब्हान रजा खान सुब्हानी मियॉ ने कौम के नाम अपने पैगाम मे एक एडवायजरी जारी करते हुए कहा कि रमजान का महीना हर मोमिन के लिए इज्जत व एहतिराम और बरकत वाला महीना है। जिसमे हर ईमान वाला बन्दा ज्यादा से ज्यादा नोकियां कमाने की कोशिश करता है। एक दूसरे की मदद करने की ललक रखता है और लड़ाई झगड़े और बुराईयों से दूर रहने का प्रयास करता है। यह बाबरकत वक्त हम सब को गरीबों की मदद करने और बेसहारा लोगों को ईद की खुशियाँ मनाने का मौका देने की तालीम देता है।
हर मुस्लिम की जिम्मेदारी है कि वह अपनी हिफाजत के साथ पाक व साफ कपडों में रहकर इबादत करे। इस साल चुकें रमज़ान के महीने और जुमे के दिन होली का त्योहार भी है और रंग खेलने का वक्त भी सुबह से दोपहर का है। इस लिए अपने लिबास,नमाज के कपडों वगैरह की पाकी,हिफाजत और सफाई का खयाल रखते हुए रंग खेलने वाले रास्तों और जगहों पर बिला जरूरत शरअई जाने से परहेज करें और महफूज जगहों पर रह कर अपनी इबादत मे वक्त गुजारें। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में अपने तय शुदा वक्त पर ही नमाज़ अदा करे। जहां मिली जुली आबादी हो और रोड वाली मस्जिद जहां होली का जुलूस निकलते हो व रंग खेला जा रहा हो उन क्षेत्रों में अपनी सहूलियत के हिसाब से अहले मोहल्ला और अहले मस्जिद उलमा से मशवरा करके जुमे की नमाज़ का वक्त 2.30 (ढाई) बजे कर ले ये बेहतर रहेगा।