काबे मे विलादत मस्जिद में शहादत।
हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर उत्तर प्रदेश।
पैगम्बर ए इस्लाम के दामाद, इस्लाम के चौथे खलीफा, शेरे खुदा मुश्किल कुशा हज़रत मौला अली (रजि०अन०) की शहादत पर खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की दरगाह पर यौम ए शहादत मनाकर खिराजे ए अकीदत पेश की गयी।
हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह० अलै०) की मज़ार पर गुलपोशी इत्र केवड़ा संदल पेश किया गया उसके बाद शोरा ए कराम ने नात मनकबत पेश की शेरे खुदा हज़रत अली की शहादत पर खिराज ए अकीदत पेश करते हुए उलेमा ए दीन ने कहा कि खामोश है तो दीन की पहचान अली है अगर बोले तो लगता है कुरान अली है। हज़रत अली की विलादत 13 रजब काबा शरीफ के अंदर हुई थी व 21 रमज़ानुल मुबारक 40 हिजरी को शहादत हुई आपकी उम्र 63 साल थी आपकी नमाज़े जनाज़ा आपके बड़े शहज़ादे हज़रत ए इमाम हसन ने पढ़ाई।
हज़रत अली की जिन्दगी और उनके बताये रास्ते पर चलने व नमाज़ की पाबंदी पर ज़ोर दिया। खिताब के बाद नज़र मौला अली सलातो सलाम पेशकर दुआ हुई दुआ में अल्लाह से मौला अली मुश्किल कुशा के सदके में भारत में खुशहाली तरक्की देने भारत में अमनों अमान कायम रहने, नमाज़ की पाबंदी करने की दुआ हुई नज़र के बाद रोज़ा अफ्तार का एहतिमाम किया गया।यौम ए शहादत में अफज़ाल अहमद, इखलाक अहमद चिश्ती, एजाज़ अहमद, मोहम्मद मुनीर खान कादरी, मौलाना फाज़िल हुसैन अज़हरी,सूफी मोईनउद्दीन चिश्ती, इरफान उल्लाह मुशाहिदी, सादिक वाहिदी,मोहम्मद ज़मीर कादरी, हाजी गौस रब्बानी,अबरार अहमद वारसी, मोहम्मद शाहिद चिश्ती,फाजिल चिश्ती, मोहम्मद सरताज,अहमद बरकाती, मोहम्मद रज़ा खान, अमीरउद्दीन अंसारी, हिफज़ान खान आदि लोग मौजूद थे।